Triple Talaq Bill: आम चुनाव 2019 से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो गया है. तीन तलाक के पक्ष में 238 वोट पड़े जबकि 12 वोट विपक्ष में डाले गए हैं. राहुल गांधी की कांग्रेस और एआईएडीमके के सांसद वोटिंग से पहले ही सदन छोड़कर बाहर निकल गए. जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें.
नई दिल्ली. 2019 चुनाव से पहले लोकसभा शीतकालीन सत्र में तीन तलाक बिल (मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिकार) विधेयक 2018 पास हो गया है. सत्ताधारी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए यह एक बड़ी जीत मानी जा रही है. लोकसभा के बाद राज्य सभा में तीन तलाक बिल पास होने के लिए पेश किया जाएगा. लोकसभा में तीन तलाक बिल के पक्ष में 238 वोट पड़े.
जबकि बिल के विरोध में सिर्फ 12 मत विपक्ष पड़े. राज्यसभा में पास होने के बाद बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा जिसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा. लोकसभा में तीन तलाक बिल के पेश होने को लेकर हाल ही में बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हीप जारी कर सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा था. जानिए लोकसभा में पास हुए तीन तलाक बिल की 10 बड़ी बातें.
1. लोकसभा में मोदी सरकार का तीन तलाक बिल पास हुआ. सदन में कार्यवाही के दौरान तीन तलाक बिल के पक्ष में 238 वोट पड़े जबकि 12 वोट इसके विरोध में डाले गए.
2. लोकसभा में बिल पास होने के बाद अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
3. सदन में तीन तलाक को लेकर वोटिंग कराई गई जिससे पहले राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी और एआईएडीमके के सांसद सदन छोड़कर बाहर निकल गए.
4. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में तीन संशोधन प्रस्ताव पेश किए लेकिन संख्या बल पूरा ना होने के चलते उनके तीनों संशोधन प्रस्ताव गिर गए.
5. असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में कहा कि मुस्लिम महिलाएं इस बिल का विरोध करते हुए खारिज करती हैं. यह बिल संविधान के मूल्यों के खिलाफ है.
6. सदन में सांसद और पीएसी चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि तीन तलाक बिल समाज को जोड़ने का नहीं बल्कि तोड़ने वाला और इस्लाम के खिलाफ बिल है.
7. कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को महिलाओं को न्याय दिलाने वाला बताया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक वजहों से बिल का विरोध किया जा रहा था इसलिए
अध्यादेश लाया गया था.
8. 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट की 5 धर्म के 5 जजों की बेंच ने तीन तलाक पर फैसला सुनाते हुए इसे अवैध मानते हुए 6 महीने की रोक लगा दी थी. और साथ ही संसद में कानून बनाने के लिए 6 महीनें का वक्त दिया था.
9. 16 फरवरी को तीन तलाक के मुद्दे पर सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच का गठन हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को तीन तलाक पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
10. काशीपुर की शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ याचिका दाखिल की थी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक के पूरी तरह पक्ष में था.
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