पत्थरबाजों के समर्थन में आई उमर अब्दुल्ला की पार्टी, महबूबा मुफ्ती ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूबा मुफ्ती सरकार और सुरक्षाबलों की कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा निकाला. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सूबे में राज्यपाल शासन लगाने की मांग की है. पत्थरबाजों के समर्थन में आई उमर अबदुल्ला की पार्टी ने मार्च में बड़े-बड़े बैनर निकाले, जिसमें लिखा कि मासूम जनता पर अत्याचार न करो, ये हमारा भविष्य हैं.

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पत्थरबाजों के समर्थन में आई उमर अब्दुल्ला की पार्टी, महबूबा मुफ्ती ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

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  • April 18, 2017 1:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूबा मुफ्ती सरकार और सुरक्षाबलों की कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा निकाला. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सूबे में राज्यपाल शासन लगाने की मांग की है. पत्थरबाजों के समर्थन में आई उमर अबदुल्ला की पार्टी ने मार्च में बड़े-बड़े बैनर निकाले, जिसमें लिखा कि मासूम जनता पर अत्याचार न करो, ये हमारा भविष्य हैं. 
 
कश्मीर में चुनाव के बाद जारी हिंसा को देखते हुए एहतियात के तौर पर सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है. कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण हैं. जिसे देखते हुए सीएम महबूबा मुफ्ती ने दोपहर 3 बजे कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. डीजीपी की एडवाइजरी में पुलिस वालों को अपने घर न जाने की सलाह दी गई है क्योंकि यहां आतंकी हमला हो सकता है. 
 
 
इसके साथ ही कश्मीर में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है और ये सेवा अगले आदेश तक बंद ही रहेगी. कश्मीर में हिंसा को भड़काने के लिए पाकिस्तान पत्थरबाजों को कैशलेस फंडिंग कर रहा है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने पत्थरबाजों की फंडिंग के लिए फंड मैनेजर तैनात किए हैं. वह पत्थरबाजों को पैसा देते हैं जब वह भारतीय सेना पर पत्थर फेंकते हैं, इस आड़ छिपे आतंकी वहां से निकल जाते हैं.
 
 
पाकिस्तान इन पत्थरबाजों को पैसा देने के लिए उसी वस्तु विनिमय प्रणाली का सहारा ले रहा है, जिसके जरिए लोग पहले व्यापार करते थे. साल 2008 से PoK से बार्टर सिस्टम के तहत 21 सामानों का कारोबार होता है. ऐसा दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और वहां रहने वाले नागरिकों को सुविधा मुहैया कराने के मकसद से किया गया था. लेकिन पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं ने अब इसका इस्तेमाल कश्मीर घाटी में तनाव फैलाने के लिए शुरू कर दिया है.
 
 
पाकिस्तान धर्मार्थ संगठनों के जरिए लाखों रुपये का चंदा उगाही करते हैं, फिर उसे अपने लोगों के जरिए कश्मीर भेज दिया जाता है. कश्मीर में आकर ये पैसा पत्थरबाजों को दे दिया जाता है. प्रशिक्षित आतंकी भी पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाले प्रदर्शनों में शामिल होते हैं. जो पत्थरबाजों की आड़ में निकल जाते हैं. आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा ‘फलह ए इंसानियत’ धर्मार्थ संगठन और जैश-ए-मोहम्मद ‘अल रहमत ट्रस्ट’ चलाते हैं. 
 
 
एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 100 करोड़ रुपए हर साल हवाला के जरिए पाकिस्तान से कश्मीर भेजे जाते हैं. ये सीधे तौर पर फंड अलगाववादियों को मिलता है, तब वे इसे युवाओं को सुरक्षा बलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए बांटते हैं. इसके अलावा अलगाववादी पत्थरबाजी के लिए भी युवाओं को रुपए दे देते हैं.

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