नई दिल्ली: भारत में कुश्ती के खेल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि जिन राज्यों में इस खेल की ज़्यादा परम्परा नहीं है, वहां भी इसे काफी पसंद किया जाता है. हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, गोवा और केरल इसके बड़े उदाहरण हैं.
बेशक इन राज्यों से बड़े पहलवान तैयार न होते हों लेकिन यहां होने वाले दंगलों में कुश्ती प्रेमियों की रिकॉर्डतोड़ संख्या बहुत इस खेल की लोकप्रियता को बयान करती है. इसी कड़ी में मलयालम में बनी फिल्म `गोधा` इन दिनों सुर्खियों में है, जो दंगल और सुल्तान की तरह कुश्ती पर आधारित है.
फिल्म निर्माण में देरी
वैसे इस फिल्म के निर्माण की घोषणा दंगल और सुल्तान से काफी पहले की गई थी. मगर इसकी शूटिंग में काफी विलम्ब हुआ. आलम यह था कि दंगल और सुल्तान रिलीज़ होने के बाद अच्छी खासी सुर्खियां बटोरने में क़ामयाब हो गई. यहां तक कि दंगल को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल गया. मगर ये फिल्म पूरी नहीं बन पाई.
बहरहाल फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है. फिल्म का ट्रेलर भी जारी कर दिया गया है, जिसे देखकर लगता है कि यह फिल्म कुश्ती की बैकग्राउंड पर होने के साथ-साथ कॉमेडी से भरपूर है.
पंजाबी एक्ट्रेस लीड रोल में
टोविनो थॉमस, वामिका गाबी (पंजाबी एक्ट्रेस) और रेजी पेनिकर मुख्य भूमिका में हैं. टोविनो थॉमस मलयालम फिल्म के स्टार एक्टर और मॉडल हैं जिन्हें मलयालम में बनीं फिल्म एबीसीडी, अगस्त क्लब, सेवंथ डे आदि फिल्मों के लिए याद किया जाता है.
वामिका गाबी फिल्म की हीरोइन हैं. चंडीगढ़ में जन्मी इस एक्ट्रेस ने एक डांस थो में कत्थक किया था, जिसके जज आमिर खान थे. ‘जब वी मैट’, ‘बिट्टू बॉस’ और `लव आज कल` में वह काम कर चुकी हैं. पंजाबी फिल्म `इश्क बरांडी` के लिए उन्हें पीटीसी पंजाबी फिल्म अवॉर्ड से नवाज़ा जा चुका है.
रेनजी पनिकर इस फिल्म के तीसरे पात्र हैं जो मलयालम फिल्मों के निर्माता, निर्देशक, लेखक और एक्टर हैं. बतौर पत्रकार अपना करियर शुरू करने वाले पनिकर भी इस फिल्म में कुश्ती के दांव पेंच लगाते दिखाई देंगे.
यहां भी हीरोईन हो गई थीं इंजर्ड
फिल्म के निर्माण के दौरान वामिका गाबी इंजर्ड हो गई थीं जिससे फिल्म में उनकी शूटिंग का हिस्सा रोक देना पड़ा था. दंगल की हीरोईन फातिमा साना शेख भी इस फिल्म की शूटिंग के दौरान इंजर्ड हुई थी. वास्तव में कुश्ती जैसे रफ-टफ खेल में मॉडलों का उतरना ही अपने आप में बड़ी बात है लेकिन ये मॉडल रफ खेल में जान जोखिम में डालने में पीछे नहीं रहते.
इस फिल्म की शूटिंग चंडीगढ़, लुधियाना, पटियाला, ओट्टापल्लम और पाज़हानी में हुई. दिसम्बर, 2016 में इस फिल्म की शूटिंग पूरी हुई. फिल्म के निदेशक बासिल जोसफ कहते हैं कि इन कलाकारों ने कुश्ती की ट्रेनिंग में दो महीने गुज़ारे हैं जिससे फिल्म में कुश्ती के सीन बहुत ही नैचुरल तरीके से फिल्माए गए हैं. शान रहमान ने फिल्म का संगीत दिया है.