श्रीनगर: कश्मीर में एक पत्थरबाज को सेना की जीप पर बांध कर घुमाने के मामले में जहां जम्मू कश्मीर पुलिस ने सेना की यूनिट के खिलाफ केस दर्ज किया, वहीं केंद्र सरकार सेना के समर्थन में आ गई है. सेना की जांच के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि मुश्किल हालात से बचने के लिए सेना की यूनिट ने ये कदम उठाया. ऐसे हालात में यूनिट हेड को इस तरह के फैसले लेने पड़ते हैं.
53 राष्ट्रीय राइफल्स के तौर पर हुई पहचान
प्रदर्शनकारी युवक को जीप के आगे बांधकर घुमाने पर कश्मीर पुलिस ने सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. इसमें शामिल आर्मी यूनिट की पहचान 53 राष्ट्रीय राइफल्स के तौर पर हुई है. राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के निर्देश पर मामले की जांच हुई थी. अधिकारियों ने बताया था कि जिस कश्मीरी युवक को जीप में बांधकर घुमाया गया था उसकी पहचान पहचान फारुक दार के रूप में हुई है.
इंडिया न्यूज़ की EXCLUSIVE ख़बर में इस वायरल वीडियो का सच सामने आया है. जम्मू-कश्मीर के बडगाम में पोलिंग पार्टी को बचाने के लिए एक पत्थरबाज को गाड़ी से बांधा गया था. दरअसल बडगाम में पोलिंग पार्टी के करीब 9 लोगों को करीब 1200 पत्थरबाजों ने घेर लिया था. वो उन्हें पीट-पीट कर मारने की धमकी दे रहे थे. मतदान केंद्र पर मौजूद ITBP ने सेना से मदद मांगी. सेना की गाड़ी जब वहां पहुंची तो करीब 1200 लोग हाथों में बड़े-बड़े पत्थर लिए मौजूद थे. तभी सेना एक पत्थरबाज को गाड़ी की बोनट से बांधा और पोलिंग पार्टी को बचाया गया.
उमर अब्दुल्ला ने उठाया था मामला
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से ट्विटर पर सेना की जीप के सामने बंधे कश्मीरी युवक की वीडियो शेयर करने के बाद से ही यह मामला गरमाया हुआ है. अब्दुल्ला ने ट्विटर के जरिए कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर किए हैं. जिसके साथ उमर ने लिखा है- इस युवक को आर्मी जीप पर इसलिये बांधा गया है ताकि उन पर पत्थर न फेंके जाएं. ये बहुत खौफनाक है.