यूपी के नए सीएम योगी आदित्यनाथ सूबे के ढीले कल-पुर्जे को टाइट करने में लगे हैं. वो दिन-रात सिस्टम की कमियों को दुरुस्त करने में जुटे हैं. लेकिन यूपी की एक हकीकत ऐसी है. जिसे देखकर सीएम योगी की पेशानी पर बल पड़ जाएंगे.
नई दिल्ली: यूपी के नए सीएम योगी आदित्यनाथ सूबे के ढीले कल-पुर्जे को टाइट करने में लगे हैं. वो दिन-रात सिस्टम की कमियों को दुरुस्त करने में जुटे हैं. लेकिन यूपी की एक हकीकत ऐसी है. जिसे देखकर सीएम योगी की पेशानी पर बल पड़ जाएंगे.
सूबे के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई का आलम ऐसा है कि बच्चे मामूली सामान्य ज्ञान से भी अनजान हैं. वो साधारण से साधारण शब्द भी नहीं लिख पाते. बच्चे तो बच्चे टीचर तक को यूपी के शहरों के सही नाम लिखने नहीं आते. कहते हैं बच्चे उस कच्ची मिट्टी की मानिंद होते हैं. जिन्हें टीचर रूपी कुम्हार जो शक्ल देना चाहे.
बच्चे हूबहू वही शक्ल अख्तियार करते हैं. लेकिन यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को क्या और कितना पढ़ाया जाता है? और उन्हें पढ़ाने वाले टीचर कैसे हैं? इसकी पड़ताल के लिए इंडिया न्यूज़ की टीम सूबे की राजधानी लखनऊ के एक प्राइमरी स्कूल पहुंची.
चौथी क्लास की ये लड़कियां ज्यादातर सवालों के जवाब में खामोश रहीं.हमने इस बच्ची से क, ख, ग सुनाने को कहा. तो वो भी सही-सही नहीं सुना पाई.ये तीसरी क्लास की हकीकत है.