UPSSSC Exam Scam: यूपीएसएसएससी परीक्षा में नकल कराने वाले गैंग का भंडाफोड़, खरीद लिए थे तीन एग्जाम सेंटर

UPSSSC Exam Scam: यूपी की राजधानी लखनई में देश के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे करीब 30 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. ये सभी लोग एक सॉल्वर गैंग के सदस्य हैं जो शनिवार से शुरू दो दिवसीय यूपीएसएससी परीक्षा में कुछ उम्मीदवारों को नकल कराने की तैयारी में थे. परीक्षा पास कराने के एवज ने आरोपियों ने उनसे 10 से 12 लाख रुपए में डील की थी.

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UPSSSC Exam Scam: यूपीएसएसएससी परीक्षा में नकल कराने वाले गैंग का भंडाफोड़, खरीद लिए थे तीन एग्जाम सेंटर

Aanchal Pandey

  • December 23, 2018 5:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में यूपी एसटीफ ने शनिवार से शुरू हुई यूपीएसएसएससी की दो दिवसीय भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर नकल की साजिश का खुलासा करते हुए करीब 30 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में से कुछ अभयार्थी हैं, स्कूल प्रबंधक और कक्षा निरीक्षक भी हैं. समाज कल्याण पर्यवेक्षक, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी के पदों पर हुई इस परीक्षा में नकल करवाने के लिए सॉल्वर गैंग ने शहर के तीन सेंटरों को खरीद लिया था. इस गैंग का सरगना केजीएमयू के डॉक्टर को बताया जा रहा है.

एसटीएफ को राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाली इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की सूचना मिली थी. टीम बनाकर एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए छापेमारी की और करीब 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं दूसरी कार्रवाई में शहर से तीन सॉल्वर और गैंग के सरगना डॉक्टर सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं कानपुर और गोरखपुर में छापेमारी के दौरान कई सोल्वरों को गिरफ्तार किया गया है.

एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए सभी सेंटरों के प्रिंसिपल, प्रबंधक और कक्षनिरीक्षक की मिलीभगत से कुछ अभयार्थियों को नकल करने की तैयारी की गई थी. इस सॉल्वर गैंग को मुख्य रूप से मीरजापुर निवासी केजीएमयू का डॉक्टर शरद सिंह और बाराबंकी का रहने वाला उत्तम कुमार चला रहे थे. आरोपी अभ्यार्थियों से परीक्षा पास होने की एवज में 10 से 12 लाख रुपए तक लेते थे. सबसे पहले उनसे प्रवेश पत्र के लिए 2 लाख रुपए मांगे जाते थे. इसमें शामिल स्कूल प्रबंधक अपने लोगों की ड्यूटी परीक्षा हॉल में लगवाते थे.

कक्षा निरीक्षक उम्मीदवार को मिले परीक्षा पत्र को व्हाट्स एप करते और सोल्वर के जरिए निरीक्षक को आंसर-की भेजी जाती. जब परीक्षा खत्म हो जाती तो निरीक्षक ओएमआर शीट भरता और उसकी फोटो खींच कर गैंग को भेज देता था. रिजल्ट के बाद बाकी की रकम वसूली जाती.

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