Yogi Adityanath Resignation Demand: बुलंदशहर में 3 दिसंबर को गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा को काबू करने के दौरान स्याना थाने के एसएचओ सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस घटना में एक युवक भी मारा गया था. इसे लेकर पूर्व नौकरशाहों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है.
मेरठ. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 3 दिसंबर को भड़की हिंसा और एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के बाद 83 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने खुला खत लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है. इन नौकरशाहों में कई आईएएस, आईपीएस और आईएफएस रैंक के अधिरकारी हैं, जो 4-5 साल पहले रिटायर हो चुके हैं. नौकरशाहों ने कहा कि बुलंदशहर में भड़की हिंसा में एक पुलिस अफसर की हत्या कर दी गई. खत पर 60 पूर्व आईएएस अफसर, 5 आईपीएस और 15 आईएफएस अफसरों के दस्तखत हैं. उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट को इस मामले पर खुद नोटिस लेने और जांच के आदेश देने का अनुरोध किया है.
अफसरों का कहना है कि हिंसा फैलाने वाले लोगों को पकड़ने के बजाय पुलिस गोकशी के आरोपियों के पीछे लगी हुई है मगर हिंसा में जिन आरोपियों का नाम है, उन्हें अरेस्ट ही नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद इसे सांप्रदायिक एजेंडे के तहत फैलाई गई हिंसा बताया था और इस मामले ने काफी तूल भी पकड़ा था. लेकिन अब सारा ध्यान गोकशी और उसके आरोपियों पर केंद्रित हो गया है. इस कारण मामले की जांच नहीं हो पा रही है.
पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को महज के हादसा बताया था लेकिन बाद में इसे राजनीतिक साजिश करार दिया. इस मामले में अब तक एक आरोपी विशाल त्यागी पुलिस के सामने सरेंडर कर चुका है. लेकिन मुख्य आरोपी योगेश राज अब भी फरार है. उसे यूपी पुलिस अब तक अरेस्ट नहीं कर पाई है. पुलिस ने कहा कि अब तक 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.