President rule in Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन के खत्म होने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. अब राज्य के सभी बड़े नीतिगत फैसलों की बागडोर राष्ट्रपति संभालेंगे.
जम्मू कश्मीर. मंगलवार को धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. वहीं जम्मू कश्मीर के विधान संबधी और वित्तीय अधिकार बुधवार से संसद के अधिकार में होंगे. ऐसे में राज्यपाल को राज्य से जुड़े हर बड़े नीतिगत फैसलों के लिए केंद्र से उसकी अनुमति लेनी होगी. साथ ही राज्यपाल अपनी इच्छा से कोई भी बड़ा फैसला नहीं ले सकता. तो वहीं संसद कानून बनाकर राष्ट्रपति की ओर से कानून लागू कर सकती है. हालांकि केंद्र के प्रतिनिधि के आधार पर राज्य में प्रशासनिक मुखिया के तौर पर राज्यपाल ही तैनात रहेंगे. बता दे कि इससे पहले जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू था जिसकी कार्यकाल मंगलवार को पूरा हो गया है. जम्मू कश्मीर के संविधान के आधार पर राज्यपाल शासन को केवल 6 महीने तक ही लागू रखा जाता है. अगर उसके बाद भी राज्य में किसी की सरकार नहीं बनती तो ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जायेगा.
गौरतलब है कि राज्यपाल इन हालातों में केंद्र और राष्ट्रपति के प्रतिनिधि होने की वजह से राज्य में चुनाव के आधार पर किसी की सरकार का गठन नहीं होने तक कार्यभार की बागडोर संभालेंगे. इसके साथ जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत पहले राज्यपाल शासन आता है ओर जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है. जबकि अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया को संविधान की धारा 356 के आधार पर सीधे तौर पर लागू किया जाता है. आपको बता दे कि इसी साल राज्य में 18 जून को भाजपा पीडीपी से अलग हो गयी थी, ऐसे में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और भाजपा का गठबंधन टूट गया था. जिसकी बदौलत जम्मू कश्मीर की सरकार गिर गयी और राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था.