इस्लामाबाद. भारतीय नौसेना में कमांडर रहे कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए का पीपुल्स पार्टी ऑफ पाकिस्तान के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने विरोध किया है.
उनका कहना है कि फांसी का सजा में यकीन नहीं है. वह सिद्धांतों के आधार पर फांसी का सजा का विरोध करता हूं. हालांकि पाकिस्तान में कई और पार्टियों ने अदालत के इस फैसले का समर्थन किया है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने लिखा है कि कुलभूषण को कानूनी प्रावधानों के हिसाब से वकील दिया गया था. हालांकि जाधव का ट्रायल और फांसी का सजा का ऐलान अप्रत्याशित है.
पाकिस्तान के कुछ एक्सपर्ट इसे भारत को कड़ा संदेश देने का रूप में देख रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि कुलभूषण को गिलगित और बलूचिस्तान में चीन की मदद से बन रहे आर्थिक कॉरीडोर को नुकसान पहुंचाने के लिए भेजा गया था.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और भारत के खिलाफ बयान देने के मामले में मशहूर आसिफ ख्वाजा ने कहा है कि कुलभूषण को कानून के हिसाब से मौत की सजा दी गई है.
भारत के साथ अच्छे संबंधों की वकालत करने इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने कुलभूषण को फांसी की सजा का समर्थन किया है.
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि कुलभूषण को फांसी की सजा सुनाकर पाकिस्तान वहां की आवाम को निराशा से बाहर निकालना चाहती है जो कि सर्जिकल के स्ट्राइक के बाद से लगातार फैलती जा रही है.
जबकि यह बिलकुल साफ है कि कुलभूषण जाधव के खिलाफ जासूसी करने का सबूत पाकिस्तान पेश नहीं कर पाया है.पाकिस्तान की ओर से एक वीडियो जरूर जारी किया गया है जिसमें कुलभूषण जाधव यह कह रहे हैं कि वह रॉ के लिए काम करते हैं.
लेकिन यह बात कहलवाने के लिए पाकिस्तान ने उनके ऊपर कितने जुल्म ढाए होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सरबजीत के मामले में भी पाकिस्तान ने यही रुख अपनाया था. अब देखने वाली बात यह होगी कि भारत सरकार कुलभूषण को छुड़ाने के लिए क्या-क्या कदम उठाती है.