एक तरफ जलती हैं चिताएं तो दूसरी तरफ तवायफ करती हैं अपनी जिस्म की नुमाइश

श्मशान, यानी ज़िंदगी की आखिरी मंजिल जहां देर सबेर चार कंधों पर सवार होकर सबको जाना है. और श्मशान की पहचान है मातमी सन्नाटा. लेकिन इस सन्नाटे को अगर कोई जश्न में तब्दील करने लगे तो इसे आप क्या कहेंगे.

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एक तरफ जलती हैं चिताएं तो दूसरी तरफ तवायफ करती हैं अपनी जिस्म की नुमाइश

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  • April 9, 2017 5:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: श्मशान, यानी ज़िंदगी की आखिरी मंजिल जहां देर सबेर चार कंधों पर सवार होकर सबको जाना है. और श्मशान की पहचान है मातमी सन्नाटा. लेकिन इस सन्नाटे को अगर कोई जश्न में तब्दील करने लगे तो इसे आप क्या कहेंगे.
 
जी हां, इस खास पेशकश में हम आपके लिये ऐसी ख़बर लेकर आए हैं जिसे देखने और सुनने के बाद आप भी हैरान रह जायेंगे. क्योंकि ख़बर श्मशान घाट में जश्न की है. जहां एक तरफ चिताएं जलती हैं तो दूसरी तरफ तवायफ करती हैं मदहोश होकर जिस्म और अपने हुनर की नुमाइश.
 
श्मशान में अपनी खुशी से कोई भी जाना पसंद नहीं करता. लेकिन महादेव की नगरी कहते जाने वाले वाराणसी में श्मशान में महफिल सजती है. और तवायफें यहां आधी रात पहुंच खुलकर डांस भी करती हैं. श्मशाम में महफिल और तवायफों के डांस के पीछे अलग अलग कहानियां सामने आती हैं.जो जितना हैरान करती हैं उससे कहीं ज्यादा चौंकाती भी हैं.
 
वाराणसी में भले ही परंपरा की वजह से श्मशान में जश्न मनाया जाता हो. तवायफें अपना कला का प्रदर्शन करती हों. लेकिन ऐसे कई मौके आए जब कभी मशहूर हस्ती तो कभी आम लोग भी श्मशान में जश्न मनाने पहुंच गये.किसी ने श्मशान में अपना बर्थडे शान से मनाया तो किसी ने श्मशान में अपना पार्टी दफ्तर ही बना लिया.

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