Mastercard Delete Indian Cardholders Data: वैश्विक डेबिट और क्रेडिट कार्ड सेवा देने वाली अमेरिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने आरबीआई में भारतीय उपभोक्ताओं का डाटा डिलीट करने का प्रस्ताव दिया है. कंपनी आरबीआई की मंजूरी मिलने के बाद डाटा डिलीट करना शुरू करेगी. इसका भारतीय उपभोक्ताओं का खतरनाक प्रभाव पड़ेगा.
नई दिल्ली. विश्व के करीब 200 देशों में डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सेवा देने वाली अमेरिकी कंपनी मास्टर कार्ड ने भारतीय उपभोक्ताओं का डाटा डिलीट करने जा रही है. मास्टर कार्ड ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को भेजे गए एक प्रस्ताव में कहा है कि कंपनी एक निश्चित दिनांक से भारतीय उपभोक्ताओं का डाटा डिलीट करेगी. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिर्पोट के अनुसार कंपनी ने डाटा डिलिट करने के साथ ही कार्डधारकों की सुरक्षा और बचाव को लेकर अपनी चिंता भी जाहिर की है. बताते चले कि विदेशों में भारतीय उपभोक्ताओं का डाटा डिलीट करने का मतलब है कि भविष्य में लेनदेन के किसी विवाद के समय कंपनी पुरानी हिस्ट्री मुहैया नहीं करा सकेगी.
मास्टरकार्ड के दक्षिण एशिया और भारत प्रमुख पौरुष सिंह ने कहा कि मास्टरकार्ड दुनिया के करीब 200 देशों में व्यापार करती है. कंपनी प्रमुख ने बताया कि दुनिया में जहां भी भारतीयों का डाटा सुरक्षित है, वहां से उसे डिलीट किया जाएगा. बताते चले कि आरबीआई के निर्देश के बाद मास्टरकार्ड सभी कंपनियों के भारतीय उपभोक्ताओं का डाटा सुरक्षित करती है. मास्टरकार्ड 6 अक्टूबर से हुए सभी भारतीयों उपभोक्ताओं का डाटा सुरक्षित रखी है. लेकिन अब उसे डिलीट किया जाएगा.
मास्टरकार्ड के प्रस्ताव पर अभी आरबीआई का जवाब नहीं आया है. कंपनी के भारत प्रेसिडेंट पौरुष सिंह ने बताया कि आरबीआई जिस तारीख का भी निर्देश देगी, उसी दिन से कंपनी डाटा डिलीट करने को तैयार है. डाटा डिलीट करने के बाद आम उपभोक्ताओं को बैकिंग संबंधी पुरानी लेनदेन की हिस्ट्री नहीं दी जा सकेगी. ऐसे में यदि किसी उपभोक्ता से साथ लेनदेन संबंधी यदि कोई गड़बड़ी सामने आती है तो जानकारी पता कर पाने में मुश्किल होगी.
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