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घर एक सपना: रियल एस्टेट बिल से ग्राहकों को फायदा

सोमवार 1 मई ये तारीख आप एक दम याद रख लें क्योंकि ये तारीख भविष्य में रियल एस्टेट बाजार में बड़े बदलाव के लिए जानी जाएगी. जी हां एक मई को पुरे देश में रियल एस्टेट बिल लागू हो जाएगा. 1 मई से इस बिल को नोटिफाई कर दिया जाएगा.

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  • April 8, 2017 5:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: सोमवार 1 मई ये तारीख आप एक दम याद रख लें क्योंकि ये तारीख भविष्य में रियल एस्टेट बाजार में बड़े बदलाव के लिए जानी जाएगी. जी हां एक मई को पुरे देश में रियल एस्टेट बिल लागू हो जाएगा. 1 मई से इस बिल को नोटिफाई कर दिया जाएगा.
 
इस बिल के नोटिफाई होने के बाद अब ये उम्मीद की जा सकती है कि ग्राहकों को राहत मिलेगी. रुके हुए प्रोजेक्ट पर बिल्डर तेजी से काम करेंगे ताकि उन्हे कम से कम रेगुलेशन का सामना करना पड़े. बिल में कई – कड़े प्रावधान हैं जिनकी बदौलत लाखों परेशान लोगों को एक आसरा मिल पाएगा.
 
इंडिया न्यूज ने इस बिल के नोटिफाई होने के बाद रियल एस्टेट बाज़ार का रियलटी चैक किया. ये देखने के लिए कि आखिर बिल के आने के लिए बिल्डर्स ने क्या तैयारियां कर रखी है.क्या बिल्डर और डेवलपर्स के बीच इस नए कानून को लेकर कोई खौफ है या नहीं.आज हम अगले आधे इसी की पड़ताल करेंगे.
 
आंकड़ो के हिसाब से हर साल देश में तकरीबन 10 लाख लोग घर खरीदते है.लेकिन प्रापर्टी का ये बाजार जितना बड़ा है उसकी मुसीबते भी उतनी ही बड़ी है. 27 शहरों में अभी 27000 प्रोजेक्ट ऐसे है जो डिले है यानि देरी से चल रहे है. ये आकड़ा प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म लियासेस फोरास का है.
 
दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में तो प्रोजेक्ट में पजेशन को लेकर जबर्दस्त प्रदर्शन भी हो रहे है.और प्रदर्शन का ये सिलसिला बीते कई दिनों से चल रहा है. जिंदगी के लिए घर जैसी अहम जरुरत के लिए परेशान हो रहे लोगों को राहत देने के लिए ही शायद सरकार ने ये बिल लाया है.
 
रियल एस्टेट बिल के लागू होने से एक उम्मीद की किरण ग्राहकों में जागी है.क्योंकि बिल में जो नियम है अगर उनका पालन हुआ तो ना किसी के लिए घर समस्या रहेगी और ना ही गृह प्रवेश. खास बात ये कि इस बिल के जरिए बिल्डरों पर लगाम लगेगी.और इसका असर हर कोई अगले महीने की पहली तारीख से देख भी पाएगा.
 
नया कानून कमर्शियल और रेजिडेंशियल दोनों ही तरह के प्रोजेक्ट्स और प्रॉपर्टी पर लागू होगा। रियल ऐस्टेट बाज़ार में अब बिल्डर्स को रियल एस्टेट कानून के हिसाब से ही काम करना होगा . प्रोजेक्ट के तहत फ्लैटों की समय से डिलीवरी सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्तावित रियल एस्टेट रेगुलेटर और अपीलीय ट्रिब्यूनल भी एक साल में बन जाएंगे . 
 

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