नई दिल्ली: ये आरोप लगने लगे है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर जनता को ठगने के अलावा कुछ नहीं किया है. राजनीति में जिस आदर्शवाद की दुहाई देकर और ईमानदारी का सब्जबाग दिखाकर केजरीवाल सीएम बने थे, उसे तिलांजलि देते हुए वो चाय-समोसे पर करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं.
पांच रुपए का पेन खरीदने की ताकत ना होने की बात करने वाले सीएम केजरीवाल निजी केस के लिए पौने चार करोड़ रुपए का भुगतान सरकारी खजाने से करते दिखाई पड़ते है. इसी कड़ी में एक और खुलासा हुआ 12 हजार की थाली का जिसमें कहा गया कि केजरीवाल सरकार की सालगिरह पर सीएम आवास पर एक पार्टी हुई जिसमें 30 लोग शरीक हुए जिसमें नेता थे मंत्री थे और उन्होने 12 हजार रुपए प्रति प्लेट का खाना खाया.
जाहिर है जो बिल चुकाया गया वो जनता के पैसों से ही चुकाया गया. एमसीडी चुनाव सामने हैं केजरीवाल सरकार पर विपक्ष हमलावर है. आज बहस इसी पर है कि आखिर ऐसे खुलासो के पीछे सच्चाई होती है या फिर ये सोची समझी रणणीति के तहत विरोधी का हथकंडा होता है.
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