नई दिल्ली: लखनऊ के सीएम हाउस में आधी रात को ऐसी हलचल पहले कभी किसी ने नहीं देखी. गुरुवार रात जब पूरा देश चैन की नींद सो रहा था. तब योगी अपने मंत्रियों और अफसरों के साथ जागरण कर रहे थे. जब से योगी यूपी के मुख्यमंत्री बने हैं तब से न वो दिन में चैन लेते हैं और न रात में. न खुद चैन फरमाते हैं और न अपने कारिंदों को चैन लेने देते हैं.
गुरुवार की रात तो योगी ने एक साथ मंत्रियों और अफसरों को सीएम हाउस बुलवा लिया. अपनी पहली कैबिनेट बैठक में योगी ने किसानों का कर्ज माफ करके विरोधियों की बोलती बंद कर दी तो अब आधी रात में ताबड़तोड़ फैसले लेकर बड़े बड़े सियासी पंडितों को भी हैरान कर दिया है.
गुरुवार रात योगी ने मंत्रियों और अफसरों की अचानक बैठक बुलाई और एक साथ कई बड़े ऐलान कर डाले. मंत्री और अफसर दौड़े भागे सीएम हाउस पहुंचे तो योगी ने सरकार का ऐक्शन प्लान उनके सामने रख दिया.यानी योगी ने उत्तर प्रदेश को चमकाने के लिए एक साथ चार-चार मोर्चों पर महायुद्ध छेड़ दिया है.
जी हां योगी का संकल्प किसी महायुद्ध से कम नहीं क्योंकि यूपी के मौजूदा हालात को देखते हुए योगी सरकार को इसके लिए युद्धस्तर पर काम करना होगा. यानी दिन हो या रात मंत्रियों और अफसरों को योगी की तरह हर वक्त ऐक्शन में रहना होगा.
योगी के कर्मयोग ने यूपी के मंत्रियों और अफसरों में हड़कंप मचा दिया है.क्योंकि योगी पहले ही कह चुके हैं कि राज्य के विकास के लिए सबको मिलकर चौबीसों घंटे काम करना होगा.
जो कर सकते हैं वो करें और जो नहीं कर सकते हैं वो चले जाएं.जाहिर है योगी सरकार का इरादा यूपी को तरक्की के आसमान पर पहुंचाना है.लेकिन इतना मुश्किल मिशन पूरा कैसे होगा. मुख्यमंत्री के पास इसका खाका भी तैयार है.
पहले ये जान लीजिए उत्तर प्रदेश को चौबीसों घंटे कैसे जगमग करेगी सरकार. अखिलेश राज में यूपी में बिजली का हाल कुछ ऐसा था कि लखनऊ और कानपुर से लेकर नोएडा और गाजियाबाद तक रोजाना कई कई घंटों का पावर कट लगता था पर योगी सरकार ने सत्ता में आते ही यूपी को दिन-रात रोशन करने की मुहिम छेड़ दी है.
योगी आदित्यनाथ ने एक हफ्ते के अंदर शहरी इलाकों में चौबीस घंटे और गांवों में कम से कम 18 घंटे रोज बिजली मुहैया कराने का ऐलान किया है. जी हां आधी रात की मीटिंग में योगी ने अधिकारियों को साफ साफ कहा कि 14 अप्रैल से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली का बंदोबस्त करना है जबकि तहसीलों और गांवों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध करवाना है.
इस मेगाप्लान को मुकम्मिल बनाने के लिए 14 अप्रैल को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा की बैठक होगी. जिसमें आगे की योजना बनाई जाएगी.इसमें कोई शक नहीं कि यूपी को मिल रही बिजली जरूरत से काफी कम है. जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा बिजली पैदा करने या खरीदने की तत्काल जरूरत है. पर पावर सप्लाई में एक बड़ी समस्या बिजली चोरी की भी है.
योगी ने बिजली चोरी को रोकने के लिए अफसरों को जल्द से जल्द एक प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा है. ताकि प्रदेश को चौबीस घंटे बिजली देने का वादा वक्त पर पूरा किया जा सके. लेकिन सवाल है कि क्या सिर्फ बिजली चोरी रुक जाने से यूपी की पावर क्राइसिस दूर हो जाएगी.
जाहिर है लक्ष्य काफी बड़ा है जबकि संसाधन बेहद सीमित हैं.इसलिए चुनौती मुश्किल है.पर सवाल वादा निभाने का है. क्योंकि यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सूबे में बिजली के बंदोबस्त को लेकर अखिलेश सरकार पर लगातार निशाना साधा था. अब योगी सरकार राज्य को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए जी-जान से जुट गई है.