PM मोदी को नहीं पसंद VVIP कल्चर, सिर्फ SPG ऑफिसर के साथ पहुंचे एयरपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर कुछ ऐसा करते हैं. जो लीक से हटकर होता है. पीएम मोदी ने आज भी कुछ ऐसा ही किया. एक तो उन्होंने खुदआईजीआई एयरपोर्ट पहुंचकर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को रिसीव किया और दूसरा पीएम आज एक आम आदमी की तरह एयरपोर्ट गए.

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PM मोदी को नहीं पसंद VVIP कल्चर, सिर्फ SPG ऑफिसर के साथ पहुंचे एयरपोर्ट

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  • April 7, 2017 12:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर कुछ ऐसा करते हैं. जो लीक से हटकर होता है. पीएम मोदी ने आज भी कुछ ऐसा ही किया. एक तो उन्होंने खुदआईजीआई एयरपोर्ट पहुंचकर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को रिसीव किया और दूसरा पीएम आज एक आम आदमी की तरह एयरपोर्ट गए. पीएम का काफिला बिना ट्रैफिक रोके एयरपोर्ट पहुंचा ताकि दूसरे लोगों को कोई परेशानी ना हो.
 
 
किसी को नही थी जानकारी
उनके गुजरने के दौरान कोई भी रास्ता नहीं रोका गया. इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी गई. दिलचस्प बात यह है कि एयरपोर्ट पहुंचने के दौरान पीएम मोदी के साथ सिर्फ ड्राइवर और एसपीजी ऑफिसर ही मौजूद थे. इतना ही नहीं, वह एक गाड़ी में पहुंचे और उनके साथ काफिला भी नहीं था.  
 
 
तीस्ता जल बंटवारे का निकल सकता है हल
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री आज से चार दिन के लिए भारत दौरे पर हैं. दोनों देशों के बीच 25 महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर लग सकती है, लेकिन तीस्ता जल बंटवारे को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे को लेकर होने वाला समझौता काफी लंबे समय से अटका हुआ है.  इस दौरे के दौरान इस मुद्दे पर कोई समझौता होने का आसार कम ही नजर आ रहा है. 
 
 
50 करोड़ डॉलर ऋण दे सकता है भारत
शेख हसीना के इस दौरे से उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच सिविल न्यूक्लियर समझौता समेत 25 महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर लगाई जा सकती है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि बांग्लादेश को सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए भारत 50 करोड़ डॉलर का ऋण देने का ऐलान कर सकता है.
 
 
ममता करती आ रही हैं विरोध
व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, परिवहर और ऊर्जा के क्षेत्र में कई अहम समझौते तो हो सकते हैं, लेकिन तीस्ता को लेकर भारत आशान्वित नहीं है. तीस्ता के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मजबूती से विरोध करती आ रही हैं, इसलिए केंद्र सरकार ममता को शामिल किए बिना इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं कर सकती.

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