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यूपी: डॉक्टरों की लापरवाही के चलते प्रसव के दौरान महिला और बच्चे की मौत

वैसे तो CM योगी के राज में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को कड़े से कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह किसी भी प्रकार की लापरवाही अपनी ड्यूटी के दौरान ना बरते. इसके बादजूद अस्पताल में लापरवाही के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

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  • April 6, 2017 6:19 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मथुरा: वैसे तो CM योगी के राज में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को कड़े से कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह किसी भी प्रकार की लापरवाही अपनी ड्यूटी के दौरान ना बरते. इसके बादजूद अस्पताल में  लापरवाही के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
 
दरअसल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मथुरा के सुरीर की रहने वाली महिला की मौत हो गई.  महिला को प्रसव के लिए लाया गया था. प्रसव के दौरान पहले नवजात बच्ची की मौत हुई उसके बाद इलाज के लिए डॉक्टरों के न होने के चलते प्रसूता की भी मौत हो गई. महिला के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगते हुए उन्हें ही मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
 
क्या है पूरा मामला- 
मृतका सर्वेश के पति रमेश के मुताबिक वह अपनी पत्नी को प्रसव के लिए सबसे पहले सुरीर के नव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा था लेकिन वहां पर तैनात  एकमात्र ANM ने अस्पताल में संसाधनों का अभाव बताया और मरीज को डिलीवरी के लिए इलोजी ले जाने की सलाह दे दी. पत्नी की हालत बेहद नाजुक थी बेचारा रमेश 9 जिले जाने को राजी हो गया लेकिन उसे नौहझील ले जाने के लिए सुरीर के सरकारी अस्पताल से कोई एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई.
 
आखिर में वह अपने निजी साधन से नौझील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. वहां भी कोई डॉक्टर नहीं मिला देख-रेख के नाम पर एक मात्र लता नाम की ANM मिली उसने सर्वेश को देखा और बोले यह सब ठीक हो जाएगा. इसी विश्वास पर रमेश ने अपनी पत्नी को भर्ती करा दिया.
 
6 अप्रेल को सुबह सर्वेश की प्रसव पीड़ा बढ़ी और उसने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन एकमात्र ANM से ही प्रसव कराया जा रहा था और कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. इसी के चलते नवजात बच्ची ने पर्याप्त इलाज की कमी के कारण दम तोड़ दिया. इधर प्रसूता सर्वेश की भी हालत बिगड़ने लगी. परिजनों ने ANM लता से कहा तो लता ने पहले तो उन्हें यह भरोसा दिलाया सर्वेश बिल्कुल ठीक है लेकिन धीरे-धीरे उसकी हालत और बिगड़ने लगी तो ANM के भी हाथ पैर फूल गए और उसने कहा कि मरीज को खून की कमी है इसलिए आप इसे तत्काल मथुरा ले जाएं.
 
मरीज के परिजन हालत बिगड़ती देख मथुरा ले जाने को तैयार हो गए लेकिन यहां भी उन्हें सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई. घंटो तक वाहन का इंतजार करते रहे और सर्वेश तड़पती रही. हार कर एक घंटे बाद पीड़िता के परिजनों ने ही निजी वाहन का इंतजाम किया और इलाज के लिए मथुरा गए लेकिन उनकी बदकिस्मती रही कि मथुरा पहुंचने से पहले ही सर्वेश ने रास्ते में दम तोड़ दिया. मृतका के पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही से ही उसकी पत्नी और नवजात बच्चे की मौत हुई है समय रहते उन्हें सही उपचार और एंबुलेंस की सुविधा मिल जाती तो शायद उनकी पत्नी और बच्ची बच जाते. 

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