भारत के स्पेस ऑरेगेनाइज़ेशन इसरो के लिए आज बहुत अहम दिन है, क्योंकि वह अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल लॉन्च करने जा रहा है. इसरो PSLV-C28 रॉकेट के जरिये ब्रिटेन के पांच सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा. इन पांच सेटेलाइट का वजन 1440 किलोग्राम है. श्रीहरिकोट से आज रात 9.58 पर ये लॉन्चिंग की जाएगी. इससे पहले इसरों की ओर से 30 जून 2014 को फ्रांस के 712 किलो के उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ा गया था.
चेन्नई. भारत के स्पेस ऑरेगेनाइज़ेशन इसरो के लिए आज बहुत अहम दिन है, क्योंकि वह अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल लॉन्च करने जा रहा है. इसरो PSLV-C28 रॉकेट के जरिये ब्रिटेन के पांच सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा. इन पांच सेटेलाइट का वजन 1440 किलोग्राम है. श्रीहरिकोट से आज रात 9.58 पर ये लॉन्चिंग की जाएगी. इससे पहले इसरों की ओर से 30 जून 2014 को फ्रांस के 712 किलो के उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ा गया था.
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का यह 30वां मिशन है. यह तीन एक जैसे डीएमसी3 ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा. इनका निर्माण ब्रिटेन की सूरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने किया है. इसके अलावा दो सहायक उपग्रहों को भी प्रक्षेपित किया जाएगा. तीन डीएमसी3 उपग्रहों में प्रत्येक का वजन का 447 किलोग्राम है और इन्हें 647 किलोमीटर दूर सूर्य-समकालिक (सन-सिंक्रोनस) कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसे प्रक्षेपित करने के लिए पीएसएलवी-एक्सएल के उच्चतम प्रारूप का प्रयोग किया जाएगा.
इन तीन डीएमसी3 उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी28 ब्रिटेन के दो सहायक उपग्रहों सीबीएनटी-1 और डी-ऑर्बिटसेल को भी ले जाएगा. सीबीएनटी-1 एक पृथ्वी अवलोकन का लघु तकनीक प्रदर्शक उपग्रह है और इसका निर्माण एसएसटीएल ने किया है. डी-ऑर्बिटसेल एक सूक्ष्मतम (नैनो) तकनीक प्रदर्शक उपग्रह है और इसका निर्माण सूरे स्पेस सेंटर ने किया है. इन पांच अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों को डीएमसी इंटरनेशनल इमेजिंग (डीएमसीआईआई) और एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच की व्यवस्था के तहत प्रक्षेपित किया जाएगा. डीएमसीआईआई ब्रिटेन की सूरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी है.
एजेंसी