लखनऊ. योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में ढाई करोड़ से ज्यादा किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ कर दिया है. योगी सरकार के इस फैसले की तारीफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी की है.
लेकिन इसी कैबिनेट में एक और फैसला किया गया है जो यूपी के किसानों का किस्मत बदल देगा. यह कदम किसानों का कर्ज माफ करने से कहीं ज्यादा बड़ा फैसला है. दरअसल योगी कैबिनेट ने फैसला किया है कि सरकार पूरे प्रदेश में पांच हजार गेहूं क्रय केंद्र खोलेगी.
अगर योगी सरकार इन केंद्रों को खोलती है और वहां ईमानदारी से काम होता है तो निश्चित तौर पर किसानों के अंच्छे दिन आने से कोई रोक नहीं सकता है.
योगी कैबिनेट ने फैसला किया है कि किसानों से 1625 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीदा जाएगा. इस न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा दस रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से ढुलाई और लदाई का भी दिया जाएगा.
अभी तक यूपी में गेहूं खरीदने का लक्ष्य 5 से 6 लाख मीट्रिक टन रखा जाता था लेकिन योगी सरकार ने 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है. मतलब अब ज्यादा से ज्यादा किसानों से गेहूं खरीदा जाएगा और उनको उचित समर्थन मूल्य भी मिलेगा.
बिचौलियों से किसानों को मिल जाएगी मुक्ति
अभी तक गेहूं क्रय केंद्र कम होने और इन जगहों पर कम गेंहू खरीदे जाने की वजह से किसानों को अपना गेहूं बिचौलियो औने-पौने दामों में बेचना पड़ता था और जब गेहूं की डिमांड बढ़ती थी तो ये बिचौलिये बाजार में खूब मुनाफा कमाते थे. वहीं किसानों को उनकी उपज की भी कीमत नहीं मिल पाती थी.
किसानों की गरीबी का सबसे बड़ा कारण यही था. लेकिन जैसा कि कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया है कि इन क्रय केंद्रों की निगरानी सीधे सीएम योगी खुद करेंगे तो उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों को अब बिचौलियों से मुक्ति मिल जाएगी.
दूसरी फसल उगाने वालों को भी उम्मीद
गेहूं के अलावा आलू, टमाटर और प्याज उगाने वाले किसानों को भी उम्मीद है कि सरकार उनके लिए भी क्रय केंद्र भी खोलेगी ताकि उनको भी अपनी फसल सड़कों पर न फेंकनी पड़े. लेकिन इब इतना तो तय है कि गेहूं क्रय केंद्र किसानों की किस्मत निश्चित तौर पर बदल देंगे.