बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाहर पुरानी ब्रह्मपुत्र नदी में 'अष्टमी स्नान' के लिए आए लाखों लोगों के बीच शुक्रवार को भगदड़ मच गई. इस हादसे में सात महिलाओं सहित कम से कम 10 हिंदू श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य घायल हो गए. नारायणगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहम्मद जकारिया ने बताया कि 'अष्टमी स्नान' के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु नारायणगंज के बंदार उपजिला पहुंचे.
ढाका. बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाहर पुरानी ब्रह्मपुत्र नदी में ‘अष्टमी स्नान’ के लिए आए लाखों लोगों के बीच शुक्रवार को भगदड़ मच गई. इस हादसे में सात महिलाओं सहित कम से कम 10 हिंदू श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य घायल हो गए. नारायणगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहम्मद जकारिया ने बताया कि ‘अष्टमी स्नान’ के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु नारायणगंज के बंदार उपजिला पहुंचे.
स्नान सुबह 5.48 बजे से शुरू हुआ। स्नान शुरू होने के कुछ ही घंटों के भीतर श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई. जकारिया ने बताया, स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के पवित्र स्नान हेतु 16 पंक्तियां बनाई थीं, लेकिन वे लोग तेजी से ‘राजघाट’ की ओर भागने लगे. इसी दौरान सवा नौ से दस बजे के बीच भगदड़ मच गई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘ज्यादातर पीड़ित 50 साल से अधिक उम्र के हैं. नारायणगढ़ स्थित लांगलबांध में ‘अष्टमी स्नान’ के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों में सात महिलाएं हैं.’ अधिकारियों ने बताया कि 10 लोग मारे गए हैं, जबकि 50 अन्य घायल हुए हैं. घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘संकरे तट के पास दो आमने-सामने के घाटों से जब सैकड़ों लोगों ने एक साथ नदी के किनारे पहुंचने की कोशिश की, उसी दौरान भगदड़ मच गई. ज्यादातर पीड़ितों की मौके पर ही मौत हो गई.’ पवित्र हिन्दू स्थल लांगलबांध राजधानी ढाका के पास पुरानी ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित है.’अष्टमी स्नान’ के लिए बांग्लादेश, नेपाल और भारत से हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष यहां आते हैं. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हादसे पर शोक जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. नारायणगंज जिला प्रशासन ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 25,000 टका सहायता राशि देने का फैसला किया है.