पटना : पिछले दिनों 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों ने गैर बीजेपी पार्टियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि 2019 में कैसे बीजेपी को सत्ता तक पहुंचने से रोका जाए. इसी सिलसिले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने सुझाव दिया है. नीतीश ने कहा कि 2019 में बीजेपी को रोकने के लिए गैर बीजेपी पार्टियों को बिहार की तर्ज पर महागठबंधन करना चाहिए.
सोमवार को जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि अगर गैर बीजेपी पार्टियों का महागठबंधन हो जाए तो अगले संसदीय चुनाव में वह जरूर कामयाब होगा. इस दौरान नीतीश ने कहा कि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस का महागठबंधन हुआ था, जो पूरी तरह सफल रहा. इन चुनावों में बीजेपी को राज्य में करारी हार का सामना करना पड़ा.
नीतीश कुमार ने कहा है कि विपक्ष को हर हाल में एकजुट होना पड़ेगा. नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए विपक्षी एकता के लिए इन्हें प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे देश में नेताओं की कमी नहीं है. लेकिन उनमें एकजुटता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में विपक्ष एकजुट नहीं था. अगर कांग्रेस बसपा और सपा मिल कर चुनाव लड़े होते तो वहां भी गठबंधन की सरकार बनती.
नीतीश ने कहा कि ने कहा कि मैंने सीपीआई और सीपीएम से बात की है. वाम दलों की छवि निष्पक्षता की है. इसलिए एकजुटता के लिए वाम दलों को भी आगे आना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल कहीं ना कहीं चुनाव होते हैं. भाजपा दिल्ली में हारी बिहार में भी हारी है.