कोलकाता. आस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई सीरीज में टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले भारत के पहले ‘चाइनामैन’ गेंदबाज कुलदीप यादव का कहना है कि वह विकेट के लिए पिच पर निर्भर नहीं रहते हैं. उन्होंने कहा कि वह हमेशा विकेट को निशाना लगाकर गेंदबाजी करते हैं उन्हें इस बात पर कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पिच का मिजाज कैसा है.
कुलदीप यादव ने कहा कि वह बचपन से ही सीमेंट वाली विकेटों पर स्पिन कराते रहे हैं. कोच ने मेरी काफी मदद की है. मैं कभी पिच और गेंद पर ध्यान नहीं देता हूं.
कानपुर के रहने वाले कुलदीप यादव ने धर्मशाला में अपने पहले टेस्ट मैच के बारे में बताया कि जब उन्होंने अपनी पहली गेंद फेंकी तो उनके दिमाग में पिच को लेकर कोई बात नहीं आई.
कुलदीप ने इस मैच में अपना पहला विकेट डेविड वार्नर जैसे दिग्गज बल्लेबाज का लिया था. यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट भी था. पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच पर बात करते हुए कहा कि वह काफी नर्वस थे क्योंकि वह आस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे थे.
कुलदीप यादव ने बताया कि जब उन्होंने पहली गेंद फेंकी तो उसके बाद उनके अंदर का तनाव थोड़ा कम हो गया. कुलदीप ने बताया कि धर्मशाला की पिच तेज थी और सीमेंटेड विकेट पर गेंदबाजी की प्रैक्टिस करने की वजह से उनको अंदाजा था कि कैसे गेंद को घुमाया जा सकता है.
आपको बता दें कि धर्मशाला के टेस्ट में कुलदीप यादव ने चार विकेट लिए थे जिसकी वजह से आस्ट्रेलिया की पूरी टीम 300 रन पर सिमट गई. पहली पारी में आस्ट्रेलिया को कम स्कोर पर रोक देना ही टीम इंडिया की जीत का आधार बना था.
भारत यह मैच 8 विकेट से जीता था और सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर कंगारुओं के घमंड को तोड़ कर रख दिया. कुलदीप यादव इस मैच के बाद भारत के पहले चाइनमैन गेंदबाज के तौर पर उभरे. कुलदीप यादव आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर की ओर से खेल रहे हैं.
क्या होता है चाइनामैन गेंदबाज
चाइनामैन स्पिन गेंदबाजों का खासियत होती है कि वह बॉल को उंगलियों से न घुमाकर कलाई से घुमाते हैं. जिससे उनकी गेंद को स्वाभाविक स्पिन पहले से ही मिल जाती है और वह काफी खतरनाक गेंद डालने में माहिर होते हैं.