VIDEO: इस श्मशान में चिताओं के बीच सजी महफिल, जमकर नाची वेश्याएं

आम तौर पर हम सब श्मशान घाटों पर चीख और पुकार या फिर रोने की आवाज सुनते के आदि होते है लेकिन आज हम बनारस में मौजूद एक ऐसे घाट के बारें बताने जा रहे हैं जहां से रात को रोने की आवाज के बदले घुघरूओ की मधुर आवाज के साथ ढोलक की आवाज सुनाई देती है.

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VIDEO: इस श्मशान में चिताओं के बीच सजी महफिल, जमकर नाची वेश्याएं

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  • April 4, 2017 6:15 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
वाराणसी: आम तौर पर हम सब श्मशान घाटों पर चीख और पुकार या फिर रोने की आवाज सुनते के आदि होते है लेकिन आज हम बनारस में मौजूद एक ऐसे घाट के बारें बताने जा रहे हैं जहां से रात को रोने की आवाज के बदले घुघरूओ की मधुर आवाज के साथ ढोलक की आवाज सुनाई देती है.
 
बनारस में मौजूद दो शमशान घाटो मे से एक प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट पर रात के अन्धेरा बढने के साथ घुघरूओ की मधुर आवाज के साथ ढोलक की थाप की गूंज सुनाई देती है. जी हां यह बिल्कुल सच है. दरअसल, बनारस के दो श्मशानो में से एक मणिकर्णिका पर चैत्र नवरात्र के सतमी की रात महाश्मशान बाबा के दरबार में नगर बधुए ( वैश्या ) अपने पापो के प्राश्यचित्य के शमन के लिए नृत्य करती है. वहीं इस बार नगर वधुओ ने सोमा घोष के भजनो पर जलती चिताओ के बीच जमकर थिरकीं.
 

जानकारी के अनुसार यह अजब परम्परा सालों पुरानी है. किद्वान्तियो के अनुसार राजा मानसिंह ने इसी घाट से सटे एक शिव मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर के स्थापना के दिन बनारस घरानों के संगीतज्ञो को संगीत आयोजन के लिए आमंत्रित किया गया लेकिन उन्होंने श्मशान पर कार्यक्रम करने से इनकार कर दिया. कहा जाता है कि परेशान राजा को कोई  उपाय नही दिखा तो उसने वैश्या को ही डांस के लिए आमंत्रण भेज कर बुलवाया तभी से यहाँ वैश्या ही डांस करती आ रही हैं.

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