Advertisement
  • होम
  • खेल
  • IPL में कई सितारों ने बिखेरी चमक, फिर हो गए गायब

IPL में कई सितारों ने बिखेरी चमक, फिर हो गए गायब

आईपीएल को शुरू से ही युवा खिलाड़ियों की चमक के लिए याद रखा जाता है. पिछले नौ आयोजनों में कई दिग्गज युवा खिलाड़ियों को इसी टूर्नामेंट ने पहचान दी. इनमें कुछ खिलाड़ी तो ऐसे भी थे, जिनकी आईपीएल से पहले अपनी राज्य टीम में कोई हैसियत नहीं थी लेकिन ये खिलाड़ी जितनी जल्दी ऊपर उठे, उतनी ही जल्दी गायब भी हो गए.

Advertisement
  • April 3, 2017 2:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : आईपीएल को शुरू से ही युवा खिलाड़ियों की चमक के लिए याद रखा जाता है. पिछले नौ आयोजनों में कई दिग्गज युवा खिलाड़ियों को इसी टूर्नामेंट ने पहचान दी. इनमें कुछ खिलाड़ी तो ऐसे भी थे, जिनकी आईपीएल से पहले अपनी राज्य टीम में कोई हैसियत नहीं थी लेकिन ये खिलाड़ी जितनी जल्दी ऊपर उठे, उतनी ही जल्दी गायब भी हो गए.
 
स्वप्निल और वॉलथाटी
स्वप्निल आसोदकट और पॉल वॉलथाटी ऐसे ही कुछ चेहरे थे. दोनों गोवा से थे और इनकी धाकड़ बल्लेबाज़ी का जलवा हर किसी ने देखा. स्वप्निल ने राजस्थान रॉयल्स को पहले सीज़न में चैम्पियन बनाने में अहम योगदान दिया और नौ मैचों में 311 रन बनाए लेकिन अगले तीन सीज़न में उनसे कुल सौ रन मुश्किल से बन पाए.
 
 
इसी तरह किंग्स इलेवन के ओपनर पॉल वालथाटी ने 14 मैचों में 463 रन बनाकर साबित कर दिया कि वे भविष्य के सितारे हैं. चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ उनकी 63 गेंद पर 120 रन की नॉटआउट पारी से वह सुपर स्टार बन गए. टीम में एडम गिलक्रिस्ट और शॉन मार्श जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में उन्होंने एक अलग पहचान बनाई.
 
शादाब जगाति
शादाब जगाति भी स्वप्निल औरर वॉलथाटी की तरह गोवा से आए. फर्क यह था कि वह उन दोनों की तरह बल्लेबाज़ नहीं थे बल्कि बाएं हाथ के स्पिनर थे. 2009-10 सीज़न में उन्होंने धोनी की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया. दूसरे और तीसरे सीज़न में उन्होंने 13-13 विकेट हासिल करके साबित कर दिया कि क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में स्पिनरों के लिए भी काफी कुछ है लेकिन बाद में टीम के दूसरे लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा के आने से उन्हें टीम में जगह बनाने में भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी.
 
 
सौरभ तिवारी
लम्बे बालों वाले झारखंड के सौरभ तिवारी जब मैदान पर गगनचुम्बी छक्के लगाते थे तो उन्हें भविष्य का धोनी कहा जाने लगा था. आईपीएल के तीसरे सीज़न में उनके बल्ले से 16 मैचों में 419 रन निकले. आरसीबी ने इससे अगले सीज़न में मोटी धनराशि में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया लेकिन सौ रभ अपने चयन को सही साबित नहीं कर पाए. 
 
पांच सीमर हुए फुस्स 
अब बात पांच तेज़ गेंदबाज़ों की. सुदीप त्यागी, मनप्रीत गोनी, जोगिंदर शर्मा, प्रदीप सांगवान और श्रीनाथ अरविंद जैसे सीमर भी लम्बी रेस का घोड़ा साबित नहीं हो पाए. गोनी ने धोनी की टीम में पहले ही सीज़न में सबसे ज़्यादा विकेट लेकर तहलका मचा दिया था. उनका हाई आर्म एक्शन देखते ही बनता था लेकिन उन्हें भारतीय टीम में हांगकांग और बांग्लादेश के खिलाफ ही मौका मिल पाया.
 
 
घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन में भी इसके बाद काफी गिरावट आ गई. सुदीप त्यागी ने घरेलू क्रिकेट के पहले ही सीज़न में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन न तो वह आईपीएल में अपनी जगह चेन्नई सुपर किंग्स में ही बचा पाए और न ही आगे चलकर सनराइजर्स के लिए. 
 
जोगिंदर शर्मा ने आईपीएल सीज़न 1 में आठ मैचों में आठ विकेट लिए. इससे पहले वह टी-20 वर्ल्ड कप में खेल चुके थे. उन्हें भविष्य का बॉलिंग ऑलराउंडर कहा जाने लगा था लेकिन वह भी पहले सीज़न के प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए. दिल्ली के मीडियम पेसर प्रदीप सांगवान ने दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए 13 मैचों मे 15 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया.
 
फिर केकेआर के लिए चुने गए लेकिन डोपिंग में फंसने से उनका करियर चौपट हो गया.   कर्नाटक के तेज़ गेंदबाज़ श्रीनाथ अरविंद ने आरसीबी के लिए 13 मैचों में 21 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन 2012 के सीज़न में तीन ओवर में 48 रन लुटाकर वह नायक से खलनायक बन गए.  

Tags

Advertisement