रोचक मुकाबलों ने एशियाई चैम्पियनशिप के ट्रायल को यादगार बना दिया

मई में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के पुरुषों के ट्रायल में इस बार कुछ ऐसे मुक़ाबले खेले गए, जिन्हें कुश्ती प्रेमी बरसों नहीं भूल पाएंगे. चाहे वह बजरंग पूनिया का विकास के खिलाफ हैरतअंगेज मुक़ाबला हो या फिर जितेंद्र का प्रवीण राणा से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करके जीत हासिल करना हो या फिर अमित दहिया की उत्कर्ष काले पर बड़े अंक के आधार पर जीत ही क्यों न हो.

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रोचक मुकाबलों ने एशियाई चैम्पियनशिप के ट्रायल को यादगार बना दिया

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  • April 3, 2017 11:41 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली :  मई में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के पुरुषों के ट्रायल में इस बार कुछ ऐसे मुक़ाबले खेले गए, जिन्हें कुश्ती प्रेमी बरसों नहीं भूल पाएंगे. चाहे वह बजरंग पूनिया का विकास के खिलाफ हैरतअंगेज मुक़ाबला हो या फिर जितेंद्र का प्रवीण राणा से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करके जीत हासिल करना हो या फिर अमित दहिया की उत्कर्ष काले पर बड़े अंक के आधार पर जीत ही क्यों न हो.
 
हैरतअंगेज प्रदर्शन  
65 किलो वर्ग में बजरंग पूनिया विकास से हाफ टाइम तक 2-10 से पीछे थे लेकिन दूसरे हाफ में उन्होंने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए चैम्पियन की तरह जीत हासिल की और 21-10 से यह मुक़ाबला जीतकर सबको चौंका दिया। इसी तरह 74 किलो का फाइनल भी कुश्ती प्रेमी बरसों याद रखेंगे।. यह मुक़ाबला जितेंद्र और प्रवीण राणा के बीच खेला गया. इस बार भी वहीं हुआ जो पिछले दो मुक़ाबलों में हो रहा था. यानी जितेंद्र पिछड़ने के बाद जीते और उन्होंने बुल्गारिया के टिकट के साथ ही एशियाई चैम्पियनशिप में भी स्थान बना लिया. 
 
अमित का दुर्भाग्य
 
एक अन्य दर्शनीय मुक़ाबला अमित दहिया और उत्कर्ष काले के बीच देखने को मिला। उत्कर्ष ओलिम्पिक क्वॉलिफाइंग के ट्रायल और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में अमित दहिया जैसे अनुभवी पहलवान को हरा चुके थे. उत्कर्ष के लिए यह हैट-ट्रिक का मौका था लेकिन अमित दहिया इस बार 6-0 से बढ़त बनाकर अपनी स्थिति को मज़बूत बना चुके थे जिसमें चार अंक की तकनीक भी शामिल थी लेकिन उत्कर्ष ने यह स्कोर बराबर कर दिया. हालांकि आखिरी अंक भी उत्कर्ष ने हासिल किया था लेकिन बड़ा अंक लेने के आधार पर अमित उत्कर्ष पर पहली बार मुक़ाबला जीतने में सफल रहे. मगर इसे अमित का दुर्भाग्य ही कहना ठीक होगा कि फाइनल कुश्ती में वह एशियाई चैम्पियन संदीप तोमर से 2-4 से हार गए.
 
उलटफेर के बाद हारे 
 
61 किलो में हरफूल ने सरवन को हराया. सरवन इस वजन में एक चौंकाने वाला चेहरा साबित हुआ क्योंकि उन्होंने अपने पिछले मुक़ाबले में राहुल आवारे जैसे अनुभवी पहलवान को हराकर उलटफेर किया था. इसी तरह 70 किलो में विनोद और अमित धनकड़ की कुश्तियां राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चित रही हैं. अमित पूर्व एशियाई चैम्पियन हैं जबकि विनोद मौजूदा एशियाई रनर्स अप. ट्रायल से पहले इस साल दोनों ने एक दूसरे को एक-एक बार हराया था लेकिन इस बार विनोद ने 2-1 के कड़े संघर्ष में बाज़ी मारी. 
 
ऊपरी वजन एकतरफा 
 
ऊपर वजनों में मुक़ाबले एकतरफा रहे. सोमवीर ने दीपक को 7-0 से हराया तो वहीं मौसम खत्री के सामने मोनू पहले राउंड से ज़्यादा टिक नहीं पाए. इसी तरह सुमित ने कृष्ण को हराकर अपना स्थान पक्का किया. 
 

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