नई दिल्ली: नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन का सोमवार को अंतिम दिन है. सुबह ग्यारह बजे से शाम 6 बजे तक नामांकन होगा. बताया जा रहा है कि करीब एक हजार उम्मीदवार सोमवार को नामांकन करा सकते हैं. बीजेपी ने अभी तक सभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है. रविवार को पार्टी ने 160 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी.
बीजेपी की दूसरी लिस्ट के लिए रात भर दिल्ली में 9 अशोक रोड पर स्थित पार्टी मुख्यालय में हंगामा चलता रहा लेकिन पार्टी नेता ऑफिस के अंदर मंथन में जुटे रहे. दूसरी तरफ टिकट पाने के इच्छुक रात भर हंगामा करते रहे. कई नेताओं ने प्रदेश बीजेपी अध्य्क्ष मनोज तिवारी, विजय गोयल और श्याम जाजू के विरोध में नारेबाजी भी की.
माना जा रहा है कि बीजेपी ने टिकटों को लेकर असंतोष से ही बचने के लिए ऐन वक्त तक कल दूसरी और आखिरी लिस्ट जारी नहीं की. कांग्रेस ने भी इसी के चलते बेहद देर से रात को लिस्ट जारी की. 23 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन है. नामांकन शाम 6 बजे तक भरे जा सकते हैं. पहले दोपहर 3 बजे तक का समय था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया.
बीजेपी ने 5 सीटें अकाली दल और 1 सीट रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को भी दी है. अकाली के उम्मीदवार बीजेपी के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ेंगे. ये सीटें पंजाबी बहुल माने जाते हैं, जिसकी वजह से बीजेपी ने यहां से अकाली दल को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है.
मौजूदा पार्षदों को टिकट ना देने का जो फैसला पार्टी आलाकमान ने किया था, उसका असर पहली लिस्ट में साफ दिखा जिसमें किसी भी मौजूदा पार्षद या उनके परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं था. पार्टी ने तीन मुसलमान उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है. इसमें बीजेपी ने दिल्ली गेट सीट से फैमुद्दीन सैफी, मुस्तफाबाद से साब्रा मलिक और जाकिर नगर से कुंवर रफी को टिकट दिया है.
वहीं मनोज तिवारी ने दिल्ली नगर निगम चुनावों को लेकर पार्टी के प्रचार गीत को अपनी आवाज दी है. करीब चार मिनट के प्रचार गीत ‘बीजेपी दिल में, बीजेपी दिल्ली में’ में तिवारी ने अप्रत्यक्ष रूप से केजरीवाल सरकार पर तंज कसा है. इसमें लोगों से ‘झूठे वादे’ करने और मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के कथित आरोपों का जिक्र किया गया है.
कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) तीनों ही पार्टियों के लिए ये चुनाव काफी अहम हैं. उत्तर प्रदेश और उत्ताराखंड में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद बीजेपी अपने विजयी रथ को इन चुनाव में नहीं रोकना चाहेगी, वहीं कांग्रेस और आप अपनी साख बचाने के लिए ये चुनाव पर जितने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. एमसीडी चुनाव के परिणाम दिल्ली की सियासत की दशा और दिशा तय करेगी.