नई दिल्ली. पंजाब में करारी हार के बाद तिलमिलाई आम आदमी पार्टी ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है जिस पर चुनाव आयोग की ओर से तगड़ा जवाब दिया है. आयोग ने कहा है कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है, आप लोगों अपनी हार पर आत्ममंथन करना चाहिए.
आयोग की ओर से भेजे गए ऐसे जवाब की उम्मीद तो आम आदमी पार्टी के नेताओं को कभी नहीं रहेगी. वहीं ‘आप’ की ओर से यह भी मांग की गई थी कि जिन मशीनों में पर्ची निकलनी की व्यवस्था थी वहां पर्ची और वोटों का मिलान किया जाना चाहिए. इस पर आयोग ने कहा कि इसके लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटकाना होगा.
आयोग ने कहा कि इन पर्चियों को जिला निर्वाचन अधिकारी की निगरानी में रखा जाता है जो कि मतदान के बाद सील कर दी जाती हैं. इनको दोबारा खोलने का अधिकार किसी के भी पास नहीं है. आयोग ने कहा कि नतीजा आने के बाद अगर आंकड़ों की पुष्टि करनी है तो इसके लिए एक ही रास्ता है कि कोर्ट का आदेश लेकर आना होगा.
‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत मतलब न निकाला जाए’
6 पन्नों में भेजे गए जवाब में आयोग ने आम आदमी पार्टी को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी किसी भी टिप्पणी में ईवीएम के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है और न कोई संदेह जाहिर किया है इसलिए आयोग को कोर्ट की टिप्पणी की गलत व्याख्या करने पर गंभीर आपत्ति है. राजनीतिक पार्टी होने के नाते आपको इस बात को ध्यान रखना चाहिए.
‘नहीं दिए कोई सबूत’
आयोग ने कहा है कि पार्टी की ओर से ईवीएम में गड़ब़डी के कोई सबूत नहीं दिए गए हैं इसलिए आयोग ऐसे आरोपों पर विश्वास नहीं करता है. आयोग ने कहा कि मनमाफिक नतीजे नहीं आने पर ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका जताना पूरी तरह से गलत है. आयोग को मशीने के टैंपर-प्रूफ होने का भरोसा है.
किसने लगाया था आरोप
उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे आने के बाद सबसे पहले मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. इस चुनाव में बीएसपी को मात्र 19 सीटें ही मिल पाई थीं. उसके बाद आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने भी ऐसी ही आशंका जताई. दरअसल पंजाब में वह सरकार बनाने का दावा कर रहे थे.