BJP Mamata Banerjee Fight: बंगाल में होने वाली भाजपा की रथ यात्रा पर एक अलग ही जंग छिड़ी हुई है. ये जंग भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच छिड़ी हुई है. ये मामला हाई कोर्ट के पास पहुंचा और हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया.
कोलकाता. कलकत्ता हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को भाजपा की बंगाल में होने वाली रथ यात्रा पर सुनवाई की. उन्होंने सिंगल बेंच के 9 जनवरी तक रथ यात्रा की रोक के फैसले को अलग रख दिया है. उन्होंने इसपर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आयोजक यानि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राज्य सरकार यानि ममता बनर्जी बुधवार को साथ में बैठकर बात करें और शुक्रवार तक अपना फैसला बताएं. कोर्ट ने भाजपा को अपने कार्यक्रम में बदलाव करने की छूट दी है और राज्य सरकार को कार्यक्रम की रोक के लिए जायज कारण देने होंगे.
गुरुवार को एक सिंगल जज की बेंच ने फैसला लेते हुए भाजपा की 41 दिन लंबी राज्य भर में होने वाली रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी. ये रथ यात्रा शुक्रवार 7 दिसंबर से कूच बिहार से शुरू होनी थी. राज्य सरकार ने इस रथ यात्रा को आवेदन पर आयोजकों को कोई जवाब नहीं दिया था. वहीं राज्य सरकार ने रथ यात्रा को रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दी थी जिसमें कहा गया था कि इस रथ यात्रा से सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ेगा. इस कारण यात्रा पर रोक लगा दी गई थी. शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों को भाजपा के आयोजकों से बात न करने के लिए फटकार लगाई.
भाजपा ने राज्य सरकार को कार्यक्रम की जानकारी 29 अक्टूबर को दी थी और 5 बार इस बारे में याद भी दिलाया था. जज ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इतने दिन तक रथ यात्रा के आवेदन पत्र पर राज्य सरकार ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की वो भी तब जब आयोजकों ने पांच बार याद भी दिलवाया? राज्य सरकार के वकील अपनी सफाई में कोई दलील नहीं रख पाए और इस बात को कबूल कर लिया की राज्य सरकार ने भाजपा के आवेदन पत्र का जवाब नहीं दिया. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि प्रशासल के एक जवाब दे देने से हालात कुछ और होते. इस तरह की चुप्पी आश्चर्यजनक और हैरान करने वाली है. शुक्रवार को आए फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोई टिप्पणी नहीं की.