नई दिल्ली. यूपी विधानसभा चुनाव में ईवीएम को लेकर मचे बवाल के बीच चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में नई मशीने इस्तेमाल की जाएंगी. इस मशीन की खास बात यह होगी कि अगर इसमें छेड़खानी की गई तो यह काम करना बंद कर देगी.
इस नई मशीन को एम-3 कैटगरी में रखा गया है जिसमें सेल्फ डायगोस्टिक सिस्टम लगाया गया है. इसमें एक मास्टर मशीन होगी जो उस क्षेत्र की दूसरी मशीनों से जुड़ी होगी. इसका फायदा यह होगा कि कोई बाहरी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
इन मशीनों का निर्माण परमाणु क्षेत्र की सरकारी कंपनी ईसीआईएल या रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी बीईएल ही कर सकती है. निर्वाचन आयोग की ओर से संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक नई मशीनें खरीदने में 1940 करोड़ का खर्चा आएगा इसमें मालभाड़ा और टैक्स नहीं जुड़ा हुआ है.
बताया जा रहा है कि ये सभी मशीनें लोकसभा चुनाव 2019 से एक साल पहले 2018 में आ जाएंगी. आपको बता दें कि 2006 से पहले खरीदी गईं 9,30,430 ईवीएम को बदलने का फैसला किया गया है क्योंकि इन मशीनों की उम्र 15 साल निर्धारित की गई थी जो कि पूरा हो चुकी है.
पुरानी ईवीएम सवालों के घेरे में
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया था कि वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी की गई है. इसके बाद मायावती के समर्थन में अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी उतर गए.
हाल ही में मध्यप्रदेश के भिंड में होने वाले उपचुनाव के लिए जब मशीनें चेक की जा रही थीं तो भी गड़बड़ी की बात सामने आई थी. इस खबर के बाद निर्वाचन आयोग ने एक टीम के जांच के लिए भेजा है. हालांकि हमारे सहयोगी चैनल इंडिया न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक यह खबर झूठी थी.