नई दिल्ली. प्यार और मोहब्बत को लेकर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. पिछले 15 सालों में भारत भले ही कई आतंकवादी घटनाएं हुई हैं, जहां तक जान गंवाने की वाली बात है तो सबसे ज्यादा ‘इश्क’ के चक्कर में लोग मारे गए हैं.
2001 से 2015 तक के सरकारी आंकड़ों पर ध्यान दें तो 38,585 लोग सिर्फ ‘प्यार’ को लेकर हुई वारदातों में मारे गए हैं जिनमें कई नरसंहार भी शामिल हैं. वहीं 79189 लोगों ने इसी चक्कर में खुदकुशी कर चुके हैं. इसके अलावा 2.6 लाख घटनाएं अपहरण की हुई हैं जिनमें महिलाओं के अपहण के पीछे उनसे शादी करने का इरादा था.
अगर हर दिन के हिसाब से इसका औसत निकाले तो 7 हत्याएं, 14 खुदकुशी और 47 अपहरण की घटनाएं सिर्फ प्यार के चक्कर में हुई हैं. ये वारदातें प्यार के चलते परिवारजनों की नाराजगी, एकतरफा प्यार और शादी करने का एकतरफा इरादा बडी वजहें रही हैं. जबकि इन्हीं 15 सालों के दौरान आतंकवाद से 20 हजार लोग मारे गए हैं जिनमें सुरक्षाबल और आम नागरिक शामिल हैं.
कौन से कौन से राज्य हैं शामिल
आंध्र प्रदेश में इश्क के चलते सबसे ज्यादा हत्याएं हुई हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश शामिल हैं. इन राज्यों में बीते 15 सालों के अंदर 3 हजार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जिनमें प्यार में नाकाम होने पर हत्या, प्रेमी जोड़ों की आत्महत्याएं शामिल हैं.
इनमें सबसे ज्यादा खुदकुशी पश्चिम बंगाल में दर्ज की गई हैं. जहां ये आंकड़ा 15 हजार है जबकि 9405 मामले तमिलनाडु में दर्ज किए गए हैं. इसके बाद असम, आंध्र प्रदेश, ओडिसा, मध्यप्रदेश शामिल हैं.
इन राज्यों में प्यार में नाकाम होने पर 5 हजार केस दर्ज किए गए हैं. सबसे हैरानी वाली बात यह है भी कि प्यार में नाकाम होने पर सबसे ज्यादा खुशकुशी लड़कियों ने की है.
इन वारदातों की क्या रहीं वजह
विशेषज्ञ बताते हैं कि भारतीय समाज में आज भी शादी जैसा फैसला करने का हक लड़का या लड़की को ही है. ऐसे में जाति और समाज में हैसियत बड़ी भूमिकाएं निभाते हैं. आज भी जाति के बाहर शादी करना .या प्यार करना एक तरह से अपराध माना जाता है.
ऐसे में अगर कोई लड़का या लड़की किसी ऐसे शख्स से प्यार कर बैठता है जो उसकी जाति का नहीं है तो फिर उस पर काफी दबाव डाला दिया जाता है जिसका नतीजा कई बार अपराध का जन्म लेना भी हो सकता है.