जंतर मंतर पर नरमुंडों को साथ प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों से मिले राहुल गांधी

केंद्र सरकार से सूखा राहत पैकेज की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर नरमुंडों के साथ विरोध प्रदर्शन करने वाले तमिलनाडु के किसानों का कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने समर्थन किया है. राहुल गांधी आज किसानों से मिलने जंतर मंतर पहुंचे.

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जंतर मंतर पर नरमुंडों को साथ प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों से मिले राहुल गांधी

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  • March 31, 2017 10:06 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : केंद्र सरकार से सूखा राहत पैकेज की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर नरमुंडों के साथ विरोध प्रदर्शन करने वाले तमिलनाडु के किसानों का कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने समर्थन किया है. राहुल गांधी आज किसानों से मिलने जंतर मंतर पहुंचे.
 
राहुल गांधी ने किसानों का साथ देते हुए केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी देश के सबसे अमीर लोगों को राहत दे सकते हैं तो किसान तो देश को बनाने का काम करते हैं, उन्हें राहत क्यों नहीं?
 
100 की संख्या में विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान हरी लुंगी पहन कर जंतर-मंतर में डेरा जमाए हुए हैं, वह कभी नरमुंड लेकर प्रदर्शन करते हैं तो कभी जमीन पर लोट-पोट होकर अपनी मांग सरकार के सामने रखते हैं. कभी मरे हुए सांपों को मुंह में लेकर विरोध प्रदर्शन करते हैं तो कभी मुंह में काला कपड़ा बांधकर.
 
इन किसानों की मांग है कि केंद्र इन्हें 40 हजार करोड़ का सूखा राहत पैकेज दे और साथ में कर्जा भी माफ कर दिया जाए. जंतर मंतर में प्रदर्शन कर रहे इन किसानों का कहना है कि बैंकों और स्थानीय कर्जदाताओं के कर्जे से किसान तंग आ चुके हैं इसी वजह से कई किसानों ने कर्जा न चुका पाने की वजह से विवश होकर आत्महत्या भी कर ली है. रिपोर्ट्स हैं कि पिछले 4 महीनों में करीब 300 किसानों ने आत्महत्या की है.
 
पानी की है जरूरत
किसानों का कहना है कि उनकी पहली जरूरत वैसे तो पानी है, क्योंकि तमिलनाडु में इस वक्त पानी की काफी कमी हो चुकी है, तमिलनाडु की जनता के पास न तो पीने का पानी पर्याप्त है और न ही खेती के लिए.
 
बता दें कि तमिलनाडु के बड़े हिस्से में सूखा पड़ चुका है, ऐसे में किसानों को खेती करने में काफी दिक्कत हो रही है, खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी न होने की वजह से फसलें नहीं हो पा रही हैं और किसान कर्जा चुकाने में भी नाकाम हो रहे हैं, इसी वजह से कई किसानों ने विवश होकर आत्महत्या भी कर ली है.

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