लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपने सरकार की छवि का पूरा ख्याल रख रहे हैं. लिहाजा, उन्होंन मंत्रियों और विधायकों को सख्त हिदायत दी है कि उनके परिवार वाले पुलिस-प्रशासन के काम-काज से दूर ही रहें. ये हिदायत योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में बीजेपी विधायकों के साथ हुए बैठक में दी. योगी ने मंत्रियों और विधायकों को आचार-विचार को ठीक रखने की नसीहत भी दी है.
परिवार वाले काबू में रहें !
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सीएम योगी ने कहा है कि हमें जो जनादेश मिला है वो गुंडाराज और भ्रष्टाचार के खिलाफ मिला है. ऐसे में अगर जनप्रतिनिधी के रिश्तेदार कुछ गलत काम करते पाए जाते हैं तो ये सरकार भी पिछली सरकार की तरह ही रह जाएगी. इसलिए अच्छा है कि सभी विधायक और मंत्री अपने रिश्तेदारों से दूर रहें.
विधायकों के बेटों की ‘दबंगई’
दरअसल, बीजेपी विधायकों के शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही इटावा के भरथना से बीजेपी विधायक सावित्री कठेरिया के बेटे की शिकायत आई. सावित्री के बेटे धर्मेंद्र कठेरिया एक एक कर 6 थानों का इंस्पेक्शन करने पहुंच गए. पूछने पर बताया कि वो ऐसा मोदी और योगी की तरफ से कर रहे हैं.
दूसरा मामला शाहजहांपुर के तिलहर से बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा के बेटे का है. यहां एक थाने के एसओ और 18 सिपाहियों ने एसपी को चिट्ठी लिखकर गुहार लगाई कि वो उनका तबादला कहीं और कर दें. उनका कहना था कि वो विधायक के बेटे की दबंगई से परेशान हैं.
ऐसी शिकायतों के बाद ही सीएम आदित्यनाथ ने विधायकों को जिम्मेदारी का एहसास कराया. उनसे साफ तौर पर कहा कि ये जनादेश गुंडाराज और भ्रष्टाचार के खिलाफ मिला है. ऐसे में विधायकों को अपना व्यवहार अच्छा रखना होगा.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को ज्यादार वही बातें कहीं जो पीएम मोदी ने यूपी के सांसदों से कही थी. लेकिन प्रचंड बहुमत मिलने के बाद से ही बीजेपी के कई विधायकों के हौसले बुलंद हैं. उनमें से कुछ का ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि वो अपने अपने रिश्तेदारों की बदौलत अपने इलाके में धाक जमाकर रखते हैं. ऐसे ही कुछ विधायकों को लेकर शिकायतें मिली थीं. सरकार इन पर तो फिर भी लगाम लगा सकती है लेकिन कुछ संगठन जो सरकार के करीब हैं और जो अपने मुताबिक ट्रांसफर-पोस्टिंग चाहते हैं, उन्हें काबू में रखना असली चुनौती होगी.