नई दिल्ली. ऐसा लग रहा है कि आम आदमी पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और 'आप' नेता डॉ. कुमार विश्वास के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं.
नई दिल्ली. ऐसा लग रहा है कि आम आदमी पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ नेता डॉ. कुमार विश्वास के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं.
पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से आम आदमी पार्टी के अंदर सिर-फुटौवल जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं और कई नेता आपस में बात भी नहीं कर रहे हैं. लेकिन सोशल मीडिया में एक दूसरे खिलाफ इशारों-इशारों में खूब तीर चलाए जा रहे हैं.
27 मार्च को कुमार विश्वास ट्वीटर पर अपनी एक तस्वीर शेयर की और साथ में एक पोस्ट भी लिखा. इसमें उन्होंने लिखा है कि ‘वो जिनके पास हुकूमत भी है,हुजूम भी है, वो इस फ़क़ीर से क्यूँ पूछें रास्ता क्या है’.
“वो जिनके पास हुकूमत भी है,हुजूम भी है,
वो इस फ़क़ीर से क्यूँ पूछें रास्ता क्या है..?
G.Night Dosto pic.twitter.com/H46RUxe30c— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) March 27, 2017
उनके इस ट्वीट का मतलब पहले एक सामान्य कविता की लाइन समझा गया लेकिन आज अरविंद केजरीवाल के सचिव कुमार बिभव ने एक ट्वीट लिखा जिसके बाद माना जा रहा है कि कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं.
बिभव ने लिखा ‘पिछले चार चुनावों ने सिखाया: जब जब जीते वो पहले फ्रेम में दिखें (क्रेडिट लेते), हारते ही फ़क़ीर बन गए, शायद बड़े कलाकार ऐसे ही होते है’. माना जा रहा है कि उनका इशारा डॉ. कुमार विश्वास की ओर ही है.
आपको बता दें कि कुमार विश्वास की नाराजगी खबरें नई नहीं है. इससे पहले लोकसभा चुनाव 2014 के में अमेठी से बुुरी तरह हार गए थे तो उन्होंने कहा था कि पार्टी के बड़े नेताओं ने उनके लिए प्रचार नहीं किया वो खुद चुनाव जीतने में लगे रहे.
कुमार विश्वास का इशारा अरविंद केजरीवाल की ओर था जो कि वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में थे. फिलहाल देखने वाली बात यह होगी कि अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच हुए यह मतभेद कहां तक जाते हैं. इससे पहले भी मतभेदों के चलते प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव जैसे बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं.