नई दिल्ली : लोकसभा में वस्तु एंव सेवा कर (GST) बिल पर बहस शुरू हो चुकी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इससे जुड़े सभी 4 विधेयकों को लोकसभा में पेश करते हुए कहा है कि यह एक क्रांतिकारी बिल है और इससे सभी को फायदा होगा.
लोकसभा में आज जीएसटी से जुड़े इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), सेंट्रल जीएसटी (सी- जीएसटी), यूनियन जीएसटी (यूटी- जीएसटी) और मुआवजा कानून बिल पेश किए गए. वित्त मंत्री ने आज बिल पेश करते हुए कहा कि अधिकारों का दुरुपयोग न हो ये ध्यान रखना होगा.
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने 12 अहम बैठकें करके सहमति और सिफारिशों के आधार पर इस बिल को तैयार किया है. वित्त मंत्री की ओर से बिल पेश करने के साथ ही लोकसभा में बहस शुरू हो चुकी है. इस बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद हैं.
जीएसटी पर बहस करने के लिए सदन में 7 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. इससे पहले जेटली ने सोमवार को भी यह बिल लोकसभा में पेश किया था. कांग्रेस ने आज लोकसभा में जीएसटी बिल पर कहा कि जो आज पेश किया गया है वह गेम चेंजर नहीं है बल्कि एक छोटा कदम बस है.
क्या इस बिल की खास बात और कब से हो जाएगा लागू
1- केंद्र इस बिल को पूरे देश में 1 जुलाई से लागू करना चाहती है. लेकिन इस बिल को पास करने के लिए सरकार को इससे संबंधित तीन और बिल पास करवाने होंगे. सरकार को इन बिलों को इसी सत्र में पास करना है जो कि 11 अप्रैल को खत्म हो रहा है.
2- जीएसटी बिल पुराने टैक्स नियमों, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगाई जाने वाली लेवी की जगह लेगा. मतलब पूरे देश की अर्थव्यवस्था एक बाजार में बदल जाएगी जहां टैक्स के नियम हर राज्य में समान होंगे.
3- जीएसटी बिल में टैक्स की सीमा 5 से 28 प्रतिशत तक की है. हालांकि अभी टैक्सों का निर्धारण कैटेगरी के हिसाब से नहीं किया गया है.
4- तीन बिल जो संसद में पास होने हैं वह धन विधेयक में शामिल हैं. मतलब एक बार जब लोकसभा इस बिल को पास कर देगी तो राज्यसभा में इसमें सुझाव दे सकती है.
5- माना जा रहा है कि जीएसटी बिल पास होने जाने पर देश में व्यापार करना आसान हो जाएगा और वस्तुओं की कीमत में कमी आएगी. हालांकि कांग्रेस इस बात का विरोध कर चुकी है कि टैक्स की दर मनी बिल के साथ जोड़ा जा रहा है.
6- पिछले साल अगस्त में संसद ने जीएसटी बिल को मंजूरी दी थी. इसके अलावा 29 राज्यों में से आधे राज्यों ने भी इस बिल को हरी झंडी दी थी.