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नैनीताल हाईकोर्ट ने खनन पर लगाई रोक, SC में अपील करेगी राज्य सरकार

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की नदियों और हिमालय में हो रहे खनन पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने यह रोक चार माह तक लागू रखने के लिए कहा गया है. हाईकोर्ट ने इसके अलावा प्रदेश की खनन नीति तय करने के लिए हाईपावर कमेटी भी गठित की है.

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  • March 29, 2017 4:45 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नैनीताल : हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की नदियों और हिमालय में हो रहे खनन पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने यह रोक चार माह तक लागू रखने के लिए कहा गया है. हाईकोर्ट ने इसके अलावा प्रदेश की खनन नीति तय करने के लिए हाईपावर कमेटी भी गठित की है. यह कमेटी चार माह के भीतर रिपोर्ट सौपेगी.
 
वहीं दूसरी ओर खनन पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है. वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि खनन पर रोक से प्रदेशभर के खनन व्यावसायियों व उससे जुड़े लोगों के रोजगार पर असर पड़ेगा. सरकार मामले में विधिक राय लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी. हालांकि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन पर आवश्यक कदम उठा रही है, पर खनन से जुड़े लाखों लोगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
 
कोर्ट ने हाईपावर कमेटी की चेयरमैन वन एवं पर्यावरण सचिव को बनाया है. साथ ही इसके सदस्य डीजी वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), डीजी जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) व डीजी वाडिया इंस्टीट्यूट देहरादून होंगे. इस याचिका पर कोर्ट ने मामले में 17 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था. 
 
बता दें कि बागेश्वर के रहने वाले नवीन पंत ने खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि लगातार होने वाले खनन से गांवों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है. इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीशों की खंडपीठ ने खनन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी. उत्तराखंड में सालों से नदियों और पहाड़ों में अवैध खनन हो रहा है.  

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