मेरठ: सूबे की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया था कि महिला सुरक्षा की उन्हें सबसे ज्यादा चिंता है और उनकी सुरक्षा में अधिकारी कोई कोताही न बरतें, लेकिन योगीराज में भी बागपत की दो बेटियों के साथ ऐसा अत्याचार किया गया कि जिनकी तस्वीरें देखकर आपकी रूह कांप जाएगी.
जब अपनी बेटी को बचाने पिता बीच में आया तो फिर उन्हें भी खूब पीटा गया. दूसरी बेटी ने ग्राम प्रधान पति और उसके बेटे के अत्याचार की ये तस्वीरें मोबाइल में कैद कर ली और पुलिस के पास पहुंच गई. पुलिस ने ना मामले की गंभीरता समझी और न दबंगों पर सख्त कार्रवाई की जहमत उठाई, बल्कि 151 में चालान कर मामला रफा दफा कर दिया. सबसे बड़ी बात ये है कि पीडित युवती सीआईएसएफ में एसआई है. अब थाने पहुंचने पर दबंग दोनों बेटियों को घर से उठाने की धमकी दे रहें हैं. हालांकि इस मामले पर पुलिस अधिकारी कैमरे पर बोलने से बच रहें हैं.
दरअसल बागपत में रहने वाली शीतल सीआईएसएफ में एसआई है और फिलहाल हैदराबाद में अंडर ट्रेनी है और छुट्टी में फिलहाल घर आई हुई है. शीतल के घर पर काम चल रहा है और उसके पिता प्रमोद कुछ सामान लेने घर से बाहर चले गए. आरोप है कि तभी ग्राम प्रधान राबीरी देवी का बेटा मनवीर शीतल के घर पहुंचा और उसे अकेला देखकर बदत्तमीजी करनी शुरू कर दी. कुछ ही देर में शीतल के पिता प्रमोद भी वहां पहुंच गए और इसका विरोध किया. कुछ ही देर बाद मनवीर, उसके पिता पीतम एक अन्य मनीष घर में घुसे और शीतल व उसके पिता प्रमोद की पिटाई कर दी. घर में दूसरी बेटी चित्रा भी थी, जिसने ये अत्याचार की तस्वीरें मोबाइल फोन में कैद कर ली इसके बाद जब चित्रा ने भी हिम्मत दिखाई तो उसके साथ भी मारपीट कर कपड़े फाड दिए गए. अब आरोपी दोनों को घर से उठा लेने की धमकी दे रहें हैं.
अब वीडियो रिकॉर्डिंग लेकर पीडित परिवार थाने पहुंचा तो पुलिस ने दंबंगों से सेटिंग कर ली और मामले को गंभीरता से लेने के बजाय 151 में चालान कर दिया. अब सवाल उठता है कि बेटियों के साथ जुल्म की इंतहा होने पर भी क्या वाकई 151 की धारा ही बनती है. आरोप है कि पुलिस ने दंबंगों से सेटिंग करके दफाओं का खेल खेल दिया.
इंडिया न्यूज द्वारा खबर को प्रमुखता से चलाने के बाद डीजीपी ने इस मामले में जांच का भरोसा दिया है.