HIV Positive Woman Fired from job: एक महिला ने दावा किया है कि कंपनी ने बोला था की उसके नौकरी से निकाले जाने का कारण है उसका एचआईवी पॉजिटिव होना. हालांकि उसको दिए कागजों में कंपनी ने कारण काम पर न आना लिखा है.
पुणे. महाराष्ट्र के पुणे में एक कंपनी में काम करने वाली एक महिला ने आरोप लगाए हैं कि उसके एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने पर उसे नौकरी से निकाल दिया गया. उसे तीन साल बाद श्रम न्यायालय से न्याय मिला है. सोमवार को न्यायालय ने कंपनी को आदेश दिए की महिला को उसी पोस्ट पर वापस नौकरी दी जाए जिस पर वो पहले काम कर रही थी और कंपनी महिला को नौकरी से निकाले जाने से लेकर अभी तक का सारा वेतन भी दे. कंपनी ने महिला को 2015 में नौकरी से निकाला था. उस समय महिला ने अपने मेडिकल फायदा लेने के लिए अपने मेडिकल कागज कंपनी में जमा करवाए थे. जमा किए गए मेडिकल कागज से महिला के एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी सामने आई. इसी के तुरंत बाद उसी दिन महिला को कंपनी छोड़ने के निर्देश दिए गए.
महिला ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘मुझे मेडिकल फायदा लेने के लिए कुछ कागज जमा करने के लिए कहा गया था. जब मैंने ऐसा किया तो उन्होंने मुझसे एचआईवी पॉजिटिव होने के बारे में पूछा. मैंने उन्हें बताया कि ये मुझे अपने पति से हुआ और 30 मिनट में ही उन्होंने मुझे कंपनी छोड़ने के लिए मजबूर किया. मैं कंपनी में 5 साल से बतौर ट्रेनी ऑपरेटर काम कर रही थी.’ महिला ने दावा किया है कि कंपनी ने उसे केवल बोल कर कंपनी से निकाले जाने का कारण एचआईवी पॉजिटिव बताया था लेकिन कागजों में कंपनी ने काम पर न आना कारण लिखा.
Pune: Labour court orders a Pharma company to reinstate a woman employee terminated 3 years ago & to provide her wages of that period. The woman had moved the court saying she was forced to resign for having HIV, but the company mentioned 'Absenteeism' in documents. #Maharashtra pic.twitter.com/8FBWeiU7Yv
— ANI (@ANI) December 3, 2018
Woman who was terminated from a company for being HIV+ve: I was asked to submit document for Mediclaim&when I did that, they asked me about it(HIV). I told them I got it from my husband & within 30 mins, they forced me to resign. I was working there as trainee operator for 5 yrs pic.twitter.com/9kU6qqG1ZX
— ANI (@ANI) December 3, 2018
कंपनी ने बताया कि उसने बीमारी के कारण दो महीने की छुट्टी के बाद नौकरी पर वापसी की थी. एक हफ्ते काम करने के बाद उसे पता चला कि वो एचआईवी पॉजिटिव है और इसी के बाद उसे कंपनी से निकाला गया. महिला के पक्ष से वकील विशाल जाधव ने कहा, ‘महिला को नौकरी से एचआईवी पॉजिटिव होने के कारण निकाल दिया गया और कंपनी ने दावा किया कि महिला ने खुद नौकरी छोड़ी है.’ इसके बाद महिला ने पुणे कोर्ट में कंपनी के खिलाफ शिकायत की. कोर्ट ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को एचआईवी पॉजिटिव होने के कारण नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. कंपनी को आदेश दिए गए कि महिला को वापस नौकरी पर रखा जाए और उसे अभी तक का पूरा वेतन दिया जाए.