Birth Anniversary R. Venkatraman: आर वेंकटरमण ने महात्मा गांधी के साथ आजादी की लड़ाई लड़ी. उन्होंने अपनी वकालत हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में की. वकालत के बाद उन्होंने भारत के आठवें राष्ट्रपति का पद संभाला. उनकी जयंती पर जानिए कैसा था उनका वकालत से संसद तक का सफर.
नई दिल्ली. तमिल नाडु में तन्जोर जिले के पट्टूकोटाई के पास राजमदम गाँव में 4 दिसम्बर 1910 को रामास्वामी वेंकटरमण का जन्म हुआ था. उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान देने के अलावा भारत के आंठवें राष्ट्रपति की भी भूमिका निभाई. उन्होंने लॉ कॉलेज मद्रास से कानून की डिग्री हासिल की थी. साल 1935 में उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय से वकालत शुरु की और 1951 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत की. वकालत के साथ ही वो आजादी के आन्दोलन से जुड़े.
जब वे वकालत की पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान साल 1946 में उन्हें मलेशिया और सिंगापुर जा रहे वकीलों के उस दल में शामिल किया गया जो उन भारतीय नागरिकों को अदालती कार्यवाही से बचाने जा रहा था जिन पर युद्ध के समय में जापान का साथ देने का आरोप था. वकालत से जुड़ने के कारण वो राजनीति के संपर्क में आए. इसके बाद उन्हें भारत का संविधान बनाने वाली संविधान सभा का सदस्य भी चुना गया. उन्हें देश की पहली संसद के लिए भी चुना गया. सांसद के रूप में वो न्यूजीलैण्ड में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मलेन के लिए गए. साल 1976 में उन्हें योजना आयोग का सदस्य बनाया गया. उन्हें उद्योग, श्रम, उर्जा, यातायात, परिवहन और रेलवे की जिम्मेदारी सौंपी गयी.
साल 1980 में उन्होंने इंदिरा गाँधी मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला. इसके बाद वो भारत के रक्षा मंत्री चुने गए. बतौर रक्षा मंत्री उन्होंने भारत की उन्नती के लिए एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के मिसाइल प्रोग्राम में जुड़ने के लिए कहा. अगस्त 1984 में आर वेंकटरमण भारत के उप राष्ट्रपति चुने गए और 25 जुलाई 1987 को वो भारत के आठवें राष्ट्रपति बने. बतौर राष्ट्रपति अपने 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने 4 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. 27 जनवरी 2009 को बीमारी के कारण नई दिल्ली स्थित सेना अस्पताल में उनका देहांत हो गया.