गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा- देना होगा एक-एक पैसे का हिसाब

योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे और अफसरों की जमकर क्लास लगाई. योगी ने सख्त लहजे में कहा कि फिजूलखर्जी बंद कर दीजिए. जरूरत पड़ी तो अब तक खर्च हुए पैसों की जांच कराऊंगा.

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गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा- देना होगा एक-एक पैसे का हिसाब

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  • March 27, 2017 4:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे और अफसरों की जमकर क्लास लगाई. योगी ने सख्त लहजे में कहा कि फिजूलखर्जी बंद कर दीजिए. जरूरत पड़ी तो अब तक खर्च हुए पैसों की जांच कराऊंगा. सीएम अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गोमती रिवर फ्रंट पर पहुंचे योगी ने अफसरों से अब तक खर्च हुए 1427 करोड़ रुपए का हिसाब मांगा. दरअसल, योगी गोमती के गंदे पानी को देख कर भड़क गए.
 
योगी के सवालों में उलझे चीफ इंजीनियर
योगी के एक सवाल का जवाब चीफ इंजीनियर के पास भी नहीं था. योगी ने आते ही पूछा कि गोमती का पानी क्यों गंदा है ? ये भी कहा कि क्या सारे पैसे पत्थरों मे लगा दिए ? योगी ने पूछा कि रिवर फ्रंट परियोजना में 6 किमी तक नदी को वाकई में 3 मीटर गहरा गहरा किया गया है या ऐसा सिर्फ कागज पर हुआ है. मैं एक-एक पैसे का हिसाब लूंगा.
 
 
योगी ने कहा कि अगर इतनी मिट्टी निकली तो फेंकी कहां गई? गोमती को कितना गहरा किया गया? योगी ने मई तक पानी साफ करने के निर्देश दिए. उन्हें प्रोजेक्ट की लागत पर भी हैरानी हुई. लिहाजा उन्होंने कहा कि इसे ठीक कीजिए. योगी के अलावा रीता बहुगुणा जोशी, दिनेश शर्मा और सुरेश खन्ना ने भी चीफ इंजीनियर से पूछताछ की.  
 
 
क्या है गोमती रिवर फ्रंट ?
दरअसल, रिवर फ्रंट के तहत लखनऊ में गोमती नदी के दोनों किनारों का सौंदर्यीकरण किया गया है. यहां जॉगिंग ट्रैक, किड्स प्ले एरिया, स्टेडियम, और लाइटिंग के इंतजाम हैं. लखनऊ में कुड़िया घाट से लेकर लामार्टिनियर स्कूल तक करीब 12 किमी का रिवरफ्रंट बना है. ये प्रोजेक्ट लंदन की टेम्स नदी की तर्ज पर बनाया जा रहा है. इसका काम मई 2017 तक पूरा होना था लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इस प्रोजेक्ट पर 1437 करोड़ मिला था और अब 1427 खर्च कर चुके हैं. 
 
 
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि योगी सरकार की नज़र अखिलेश यादव के उन सभी ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर है, जिन्हें समाजवादी पार्टी विकास के शो केस के रूप में प्रचारित करती रही है. पहले योगी के डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य ने आगरा एक्सप्रेस वे की जांच का एलान किया और अब खुद योगी ने गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण में अनाप-शनाप खर्च पर सवाल उठाया है. ये तय माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े सिंचाई विभाग, जल निगम और लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी के अफसरों पर गाज गिरेगी. खबर है कि जल निगम के उन अफसरों की तो पहचान भी कर ली गई है, जिन्हें अखिलेश सरकार ने रिटायर होने के बाद भी मोटे मानदेय पर बहाल रखा था.

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