आरक्षण की मांग को लेकर आज जाट नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद तय हुआ है कि बीजेपी आरक्षण के मुद्दे जाटों का पूरा साथ देगी. इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में एक कमेटी भी बनाई जाएगी. जाट आरक्षण की लड़ाई में अब बीजेपी भी कूद गई है. प्रधानमंत्री मोदी से जाट नेताओं के इस मुलाकात के बाद तय हुआ है कि बीजेपी इनके संघर्ष को आगे बढ़ाएगी.
नई दिल्ली. आरक्षण की मांग को लेकर आज जाट नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद तय हुआ है कि बीजेपी आरक्षण के मुद्दे जाटों का पूरा साथ देगी. इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में एक कमेटी भी बनाई जाएगी. जाट आरक्षण की लड़ाई में अब बीजेपी भी कूद गई है. प्रधानमंत्री मोदी से जाट नेताओं के इस मुलाकात के बाद तय हुआ है कि बीजेपी इनके संघर्ष को आगे बढ़ाएगी.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में जाटों को आरक्षण देने से मना कर दिया था. ओबीसी को मिल रहे 27 फीसदी आरक्षण के कोटे में ही जाटों को शामिल किया जाना था. पीएम मोदी के साथ हुई इस बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह, संजीव बलियान, सांसद प्रवेश वर्मा और कैप्टन अभिमन्यु भी शामिल थे. बैठक में फैसला हुआ है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में 11 सदस्यों की कमेटी बनाई जाएगी जो जाटों को आरक्षण दिलाने के लिए सारे विकल्पों पर विचार करेगी. ये कमेटी आरक्षण के मुद्दे पर संबंधित मंत्रालय और ओबीसी आयोग में अपना पक्ष रखेगी.
पीएम से मुलाकात के बाद जाट नेताओं ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की. हालांकि कांग्रेस केंद्र सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर रही है–कांग्रेस के मुताबिक अगर सरकारी वकील ने ठीक से पैरवी की होती तो जाटों के आरक्षण को कोर्ट रद्द नहीं करता. सुप्रीम कोर्ट से जाटों को मिले झटके के बाद बीजेपी के इस कदम को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है. बीजेपी किसी भी कीमत पर जाटों को नाराज नहीं करना चाहती है. यही वजह है कि वो अब इनके साथ खडी नजर आ रही है.