रीवा: मध्यप्रदेश के रीवा के सिरमौर चौराहे में स्थित नगर निगम के सभागार में शनिवार को उस समय अखाड़े में तब्दील हो गया जब निर्दलीय महिला पार्षद ने मेयर से अभद्रता से पेश आई और उन्हें भगोड़ा कहा साथ ही कुछ अपशब्दों का इस्तेमाल किया. ये बात सुनकर सत्ता पक्ष से जुड़ी महिला पार्षद बचाव में आ गई, इस दौरान निर्दलीय पार्षद और सत्ता पक्ष के महिला पार्षदों के बीच जमकर झूमा-झटकी हुई. काफी हंगामे के बाद मामला शांत हुआ.
दरअसल आज सिरमौर चौराहे में नगर निगम के परिषद् की बैठक का आयोजन किया गया था जिसमे आगामी बजट और अतिक्रमण सहित अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा की जानी थी. बैठक की शुरुआत शहर में हुए अतिक्रमण को लेकर हुई. इस मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद सुर में सुर मिलते नजर आए और पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों के ऊपर कई गंभीर आरोप भी लगाए.
जिसे लेकर एमआईसी के सदस्य और बीजेपी पार्षद ने इस्तीफा भी देने की धमकी दे डाली. इस दौरान नेता प्रतिपछ अजय मिश्रा द्वारा पूर्व की बैठक में कई सवाल पूछे गए थे. जिनके जवाब से वो असंतुस्ट नजर आए और शहर में फैले अतिक्रमण में भेदभाव का आरोप लगाया. साथ ही नगर निगम आयुक्त पर तानाशाही का आरोप लगाया.
इसी बीच निर्दलीय महिला पार्षद ने भगौड़ा करार देते हुए वार्ड के विकाश में सहयोग न देने का आरोप लगाया और अपशब्दों का भी आरोप लगाया. जिसके बाद परिषद् के सभाकक्ष में जमकर हंगामा हुए. निर्दलीय महिला पार्षद आवेश में माइक लेकर मेयर के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने लगी और मारने की भी बात कही. इसके विरोध में बीजेपी की महिला पार्षदों ने मोर्चा संभाला.
इस बीच निर्दलीय महिला पार्षद नम्रता सिंह और बीजेपी महिला पार्षदों के बीच झूमाझटकी हुई मौके पर उपस्थित पार्षदों ने मामला शांत कराया तो फिर मेयर से बात करने उनके कमरे में गई निर्दली पार्षद और मेयर व बीजेपी की महिला पार्षदों के बीच झापड़ चलने लगे. हालांकि पार्षदो ने बीच में आ कर मामला शांत कराया. वहीं दोनों पक्ष एक दुसरे पर मारपीट का आरोप लगते हुए थाने में शिकायत करने की बात कह रहे है.