UP Bulandshahar Almi Tablighi Ijtema: इजतिमा में शामिल होने शनिवार को बुलंदशहर पहुंचेंगे मौलाना साद, 10 लाख से ज्यादा मुसलमानों का लगा हुजूम

UP Bulandshahar Almi Tablighi Ijtema: उत्तरप्रेदश के बुलंदशहर में शनिवार को मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन किया जाएगा. तीन के इस आयोजन में दस लाख से ज्यादा मुसलमानों के आने की उम्मीद हैं. 1 दिसंबर से शुरु हो रहे है कि यह पाक आयोजन 3 दिन तक चलने वाला है.

Advertisement
UP Bulandshahar Almi Tablighi Ijtema: इजतिमा में शामिल होने शनिवार को बुलंदशहर पहुंचेंगे मौलाना साद, 10 लाख से ज्यादा मुसलमानों का लगा हुजूम

Aanchal Pandey

  • December 1, 2018 1:12 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

बुलंदशहर. उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में कल (शनिवार) से मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन इज्तिमा का आयोजन होने जा रहा है. तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में दस लाख से ज्यादा मुसलमानों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. एक दिसंबर से शुरू होने वाला यह पाक आयोजन तीन दिसंबर को संपन्न होगा. इस आयोजन में कई बड़े इस्लामिक विद्वान तकरीर देने आएंगे. जिन्हें सुनने के लिए भारत के अलग-अलग राज्यों के अलावा विदेशों से भी इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग जुट रह हैं. इज्तिमा में मौलाना साद के आने की जानकारी भी मिली है. गौरतलब हो कि मौलाना की पहचान इस्लाम के बड़े जानकार के तौर पर दुनियाभर में है. साद के तकरीरों को यूट्यूब पर लाखों की संख्या में लोग देखते हैं. मौलाना साद प्रतिष्ठित इस्लामिक संस्था तबलीग़-ए-जमात के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पूरी दूनिया में जाने जाते हैं.

इज्तिमा में मौलाना साद के अलावा पाकिस्तान से मौलाना तारिक जमील के आने की भी उम्मीद है. तारिक जमील को भी इस्लामिक जानकार के तौर पर जाना जाता है. इनकी तकरीरें सुनने के लिए लाखों की तादात में मुसलमान दुनियाभर से बुलंदशहर पहुंच रहे हैं. इस व्यापक आयोजन में पहुंच रहे लाखों लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी की है. शहर से गुजरने वाले रास्तों का रूट बदला गया है. आयोजन स्थल तक लोगों के पहुंचने के लिए कई लोगों ने अपनी निजी गाड़ियों को रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर रखा है.

मिली जानकारी के मुताबिक इज्तिमा के लिए अबतक बुलंदशह में दस लाख से ज्यादा मुसलमान पहुंच चुके हैं. इज्तिमा के आयोजन की खास बात यह है कि इसकी व्यवस्था के लिए किसी मजदूर को नहीं लगाया गया है. स्थानीय मुसलमानों ने ही इसकी तैयारियां की है. मुसलमानों के साथ-साथ इज्तिमा के सफल आयोजन में बुलंदशहर के हिंदुओं और अन्य धर्म के लोगों ने भी अपना योगदान दिया है.

Tags

Advertisement