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गीता और बबीता के बिना ही फोगट परिवार ने भारत केसरी दंगल में कमाए 65 लाख

वैसे तो भारत-केसरी शहीदी दंगल में खिलाड़ियों को अच्छी खासी ईनामी राशि हासिल हुई लेकिन एक परिवार ऐसा भी है, जिसने इस दंगल से 65 लाख रुपये की कमाई की. जी हां, हम बात कर रहे हैं फोगट फैमिली की जिसकी तीन बेटियों और दामाद ने अपनी कुश्ती कला से सबका दिल जीत लिया.

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  • March 25, 2017 9:10 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली :  वैसे तो भारत-केसरी शहीदी दंगल में खिलाड़ियों को अच्छी खासी ईनामी राशि हासिल हुई लेकिन एक परिवार ऐसा भी है, जिसने इस दंगल से 65 लाख रुपये की कमाई की. जी हां, हम बात कर रहे हैं फोगट फैमिली की जिसकी तीन बेटियों और दामाद ने अपनी कुश्ती कला से सबका दिल जीत लिया.
 
गीता और बबीता के बिना 
यह स्थिति तब है जबकि गीता और बबीता ने इस दंगल में भाग नहीं लिया. इसका मतलब यह हुआ कि अब इस परिवार में ये दो ही नहीं बल्कि कई-कई धाकड़ गर्ल तैयार हो रही हैं.
 
रितु फोगट ने 48 किलो ग्राम वजन में और विनेश ने 53 किलो में गोल्ड मेडल हासिल किए. यानी दोनों को कुल 20 लाख रुपये की आमदनी हुई. 63 किलो में फोगट परिवार की सबसे छोड़ी बेटी संगीता फोगट को फाइनल में रितु मलिक से हार का सामना करना पड़ा. संगीता ने रनर्स अप रहने पर पांच लाख रुपये का ईनाम अपने नाम किया.
 
इसके अलावा विनेश और बबीता को रियो ओलिम्पिक में भाग लेने के लिए 15-15 लाख रुपये का ईनाम मिला. यानी इस 30 लाख में अगर 25 लाख रुपया जोड़ दिया जाए तो यह ईनाम 55 लाख रुपये तक बनता है. इतना ही नहीं, गीता इस ईनाम से कैसे दूर रह सकती हैं. उनके पति और फोगट परिवार के दामाद पवन ने 86 किलो वजन वर्ग में दिल्ली के दीपक को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा किया और उन्हें ईनाम में दस लाख रुपये मिले. यानी दामाद सहित कुल 65 लाख रुपये की आमदनी.
 
उम्मीद की चिंगारी  
अभी 65 लाख की ईनामी राशि इस परिवार के हाथ नहीं आई है लेकिन डोप टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें ये ईनाम दे दिए जाएंगे. इस परिवार को हम `इन खबर` और `न्यूज़ एक्स` परिवार की ओर से भी बधाई देते हैं जिसने न सिर्फ देश में महिला कुश्ती की परिभाषा बदली बल्कि देश भर की महिला पहलवानों के बीच उत्साह की एक ऐसी चिंगारी पैदा कर दी, जहां खासकर हरियाणा में हर वजन में महिला खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है. हर कोई फोगट परिवार की बेटियों की तरह बनना चाहता है.
 
गीता को विश्वास है कि आने वाले समय में रितु, विनेश, संगीता और प्रियंका भी देश का नाम रोशन करेंगी. उन्हें भरोसा है कि ओलिम्पिक में पदक जीतने का जो काम वह नहीं कर पाई हैं, उसे उनकी बहनें अंजाम तक पहुंचाएंगी. उन्होंने कहा कि उन्हें देश की किसी भी महिला के ओलिम्पिक में पदक जीतने की उतनी ही खुशी होगी जितनी कि उनकी बहनों की क़ामयाबी पर होगी.   
 

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