नई दिल्ली : ताज कॉरिडोर घोटाले में उपलब्ध सबूतों के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ नए सिरे से सीबीआई की जांच करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
2002 में मायावती ने ताज की खूबसूरती को बढ़ाने के नाम पर 175 करोड़ रुपए की परियोजनाएं लॉन्च की थी. इसी के साथ उनपर ये भी आरोप लगा है की बिना पर्यावरण मंत्रालय की इज्जात के सरकारी खजाने से 17 करोड़ रुपए भी जारी कर दिए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए जिसके बाद 2007 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगा था लेकिन जैसे ही मायावती की सरकार बनी तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेश्वर ने इस मामले में मुकदमा चलाने की इजाजत देने से इंकार कर दिया जिसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही बंद हो गई. बता दें की बाद में सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर को भी रद्द कर दिया था.