नई दिल्ली : बुरहान वानी के खात्मे के बाद घाटी में आतंकियों की भर्ती बढ़ी है. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि घाटी में आतंकियों की संख्या करीब 55 प्रतिशत बढ़ी है.
संसद में उन्होंने बताया कि 2015 में 66, 2014 में 53, 2013 में 16, 2012 में 21, 2011 में 23 जबकि 2010 में 54 कश्मीरी युवकों ने हिंसा का रास्ता अपनाया था.
सरकार की स्थानीय युवकों को आतंकियों के बहकावे में न आने देने की कोशिशों का कोई असर नहीं हो रहा है. शिक्षित युवक भी हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए मोहम्मद और लश्कर-ए तैयबा जैसे संगठनों में भर्ती हो रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में कम से कम 88 युवकों ने 2016 में आतंकवाद का रास्ता अपना लिया. यह 2010 के बाद से सबसे बड़ा आंकड़ा है.
लोकसभा में दी गई रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में 54 युवक उग्रवाद में शामिल हुए, 2011 में 23 युवक, वहीं 2012 में 21 कश्मीरी युवा उग्रवाद में शामिल हुए. बुरहान वानी की एनकाउंटर में मौत के बाद हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं.