तिरुवंतपुरम: केरल इंटरनेट को मानवाधिकार बनाने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है. पिछले हफ्ते पेश किए गए राज्य बजट में सरकार ने इंटरनेट के लिए खास बजट रखा है जो राज्य के 20 लाख परिवारों को या तो कम से कम कीमत पर या फिर मुफ्त में इंटरनेट सुविधा देगा.
केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि सरकार केरल इंफ्रास्टक्चर फंड से 1000 करोड़ का लोन ले रही है. इसके बाद हम टेलिकॉम कंपनियों से इस बारे में बात करेंगे.
उन्होंने बताया कि इसका नाम एफकान होगा और अगर सबकुछ ठीक रहा तो साल 2018 तक सभी सरकारी लेन-देन ऑनलाइन हो जाएंगे.
गौरतलब है कि साल 2010 में स्वीडन दुनिया का पहला ऐसा देश बना था जहां हाई स्पीड इंटरनेट को प्राथमिक कानूनी अधिकार के तौर पर शामिल किया गया था. इसके बाद कनाडा ने भी पिछले साल स्वीडन की तर्ज पर फैसला किया कि हर नागरिक को कम से कम 50 एमबीपीएस की स्पीड से इंटरनेट की सुविधा मिलनी चाहिए.