Guru Nanak Jayanti 2018: 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर देशभर में सिख समुदाय के संस्थापक और पहले गुरु नानक देव की याद में गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी. गुरु नानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा पर हुआ था. गुरु पर्व के दिन सिख समुदाय के लोग कई तरह के सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. ऐसे में प्रकाश पर्व के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि देश के टॉप 10 गुरुद्वारे.
नई दिल्ली. देशभर में 23 नवंबर यानी आज गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी. इस दिन सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु नानक देव का जन्म हुआ था. ऐसे में सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व के दिन मत्था टेकने गुरुद्वारों में जाते हैं और साथ ही कई तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी करते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश के 10 ऐसे प्रसिद्ध गुरुद्वारों के बारे में, जहां सिख धर्म समेत अन्य धर्म के लोग भी मन में गहरी आस्था लेकर जाते हैं.
स्वर्ण मंदिर, पंजाब
पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर को गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह के नाम से भी जाना जाता है. पूरे विश्व में यह गुरुद्वारा काफी प्रसिद्ध है. इसे महाराजा रणजीत सिंह ने अपने काल के दौरान बनवाया था.
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, उत्तराखंड
पहाड़ी वादियों के बीच बना श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिला में पड़ता है. सिख समुदाय के 10वें गुरु गोविंद सिंह ने इसका निर्माण कराया था.
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शीशगंज गुरुद्वारा, दिल्ली
शीश गंज साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में स्थित है. सिख धर्म के नौवें गुरु बघेल सिंह ने गुरु तेग बहादुर की शहादत की याद में यह गुरुद्वारा बनवाया गया था.
फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा, पंजाब
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा का निर्माण साहिबजादा फतेह सिंह और जोरावर सिंह की शहादत की याद में कराया गया था. बताया जाता है कि फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा वास्तुकला का नायाब नमूना है.
बंगला साहिब गुरुद्वारा, दिल्ली
दिल्ली के बाबा खड़गसिंह मार्ग पर स्थित बंगला साहिब गुरुद्वारा काफी मशहूर है. सभी धर्मों के लोग यहां गहरी आस्था लेकर जाते हैं. सिख समुदाय के आठवें गुरु हरकिशन सिंह ने यहां पर काफी चमत्कार किए हैं और उनकी याद में यह गुरुद्वारा काफी प्रसिद्ध है.
हजूर साहिब गुरुद्वारा, महाराष्ट्र
हजूर साहिब गुरुद्वारा महाराष्ट्र राज्य के नान्देड नगर में गोदावरी नदी के किनारे बना है, साल 1708 में इस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. बाद में महाराजा रणजीत सिंह इस स्थान पर गुरुद्वारे का निर्माण कराया.
पांवटा साहिब गुरुद्वारा, हिमाचल प्रदेश
उत्तराखंड के देहरादून से करीब 40 किलोमीटर दूर और हिमाचल प्रदेश के सीमा पर स्थित पांवटा साहिब गुरुद्वारा काफी प्रसिद्ध है. यहां गुरु गोबिंद सिंह ने अपनी जिंदगी के 4 वर्ष बिताए और दशम ग्रन्थ की रचना की.
तख़्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब
पंजाब के बठिंडा के तलवंडी सबो गांव में स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब काफी प्रसिद्ध गुरुद्वारा है. बताया जाता है कि यहां गुरु गोबिंद सिंह जी आकर रुके थे और मुगलों का सामना किया था.
श्री पटना साहिब गुरुद्वारा, बिहार
बिहार के पटना में स्थित श्री पटना साहिब गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान बताया जाता है. इस गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रंजीत सिंह ने कराया था.
गुरुद्वारा मणिकरण साहिब, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश की सुंदर पहाड़ियों से घिरा यह गुरुद्वारा काफी ज्यादा सुंदर है. बताया जाता है कि सिखों के पहले गुरु नानकदेव ने इसी स्थान पर ध्यान लगाया था.
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