नई दिल्ली: भारत में दंगलों की परम्परा बरसों पुरानी है और हज़ारों की संख्या में कुश्ती प्रेमी इन दंगलों का लुत्फ उठाते हैं. लेकिन आज कुश्ती प्रेमी प्रो रेसलिंग लीग में किए गए कई तरह के प्रयोगों के बाद ढर्रे पर चल रहे दंगलों से तौबा करने लगे हैं. आज कुश्ती प्रेमियों की मांग हैं कि देश के बड़े दंगल भी पीडब्ल्यूएल की तर्ज पर आयोजित किए जाएं.
एक टीम में दस पहलवान
इसी बात को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में 21 से 23 मार्च तक होने वाले शहीदी दंगल को पीडब्ल्यूएल की तर्ज पर तैयार किया गया है. इसमें आठ टीमें बनाई गई हैं जिनमें दो हरियाणा से होंगी और बाकी अन्य राज्यों से. हर टीम में पांच पुरुष और इतनी ही महिला पहलवानों को शामिल किया गया है.
हर वजन में ईनाम
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस दंगल के पिछले साल आयोजित पहले पड़ाव में ही चाहते थे कि दंगल में बाकी वजनों के पहलवानों को भी समान ईनामी राशि दी जाए और महिला पहलवानों को भी दंगल से लाभान्वित होने का मौका दिया जाए लेकिन तब तक दंगल का कार्यक्रम तैयार हो चुका था.
बहरहाल आयोजकों ने उनके सुझाव का सम्मान किया और इस बार पुरुषों और महिलाओं में कुल दस वजनों में पहले तीन स्थान पर रहने वाले पहलवानों के लिए ईनामी राशि का प्रावधान किया गया. हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज के अनुसार इस बार इन सभी दस विजेता पहलवानों को एक समान दस लाख रुपये की राशि दी जाएगी. हर वजन के फाइनल में हारने वाले पहलवान को पांच-पांच लाख रुपये और तीसरे स्थान पर रहने वाले पहलवान को ढाई-ढाई लाख रुपये दिए जाएंगे.
मौसम ने जीता था एक करोड़
पिछले साल दंगल का पहला आयोजन केवल सुपर हैवीवेट वर्ग के पहलवानों के लिए था, जहां 50 से ज़्यादा पहलवानों ने भाग लिया था और एक करोड़ रुपये का पहला ईनाम मेजबान हरियाणा के मौसम खत्री ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के सुमित को हराकर हासिल किया था. तब पहले आठ स्थान पर रहने वाले पहलवानों के लिए ईनामों की व्यवस्था थी.
उस दंगल का आयोजन गुड़गांव के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में किया गया था. मगर देश का नाम रोशन करने वाले अन्य वजनों के पहलवानों के साथ ही महिला पहलवान सुपर हैवीवेट वर्ग के पहलवानों को लड़ते देखते रहे. आखिरकार इस बार उनकी मुराद पूरी हुई और उन्हें सुपर हैवीवेट वर्ग के पहलवान के बराबर ईनामी राशि देने का फैसला किया गया है, जो वास्तव में स्वागत योग्य है.
पीडब्ल्यूएल की नकल
पिछले साल पहलवान की एंट्री पीडब्ल्यूएल के अंदाज़ में भव्य तरीके से की गई थी, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया था. इस बार दर्शकों की भारी मांग पर पीडब्ल्यूएल के इसी अंदाज़ को अपनाया गया है. इसी तरह इस साल महाराष्ट्र में होने वाले दंगल में भी इसी अंदाज़ में छह टीमों को शामिल किया गया है और हर टीम में नौ खिलाड़ी – पांच पुरुष और चार महिलाएं होंगे. यानी बिल्कुल पीडब्ल्यूएल की तरह.