नई दिल्ली: पिछले दिनों हरिका द्रोणावल्ली ने ईरान के शहर तेहरान में हिजाब पहनकर विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में भाग लिया था. उनकी तरह 64 अन्य खिलाड़ियों ने भी इस पोशाक को पहनकर अपनी चुनौती रखी थी. इस घटना के बाद दुनिया भर में विश्व शतरंज महासंघ पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा न करने के तमाम आरोप लगने लगे.
ईरान में हिजाब अनिवार्य
दरअसल ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसा न करने पर उसे गिरफ्तार करने या दंडित करने का प्रावधान है. अमेरिकी चैम्पियन हाजी पाइकिजे सहित काफी संख्या में शतरंज के खिलाड़ी इस प्रतियोगिता से हट गए लेकिन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 64 खिलाड़ी ऐसे भी थे, जिन्होंने खेल भावना का सम्मान करते हुए किसी भी तरह के विवाद में पड़ना मुनासिब नहीं समझा.
हरिका ने भी पहना
भारतीय शतरंज खिलाड़ी हरिका द्रोणावल्ली भी ऐसी ही खिलाड़ी हैं. उन्होंने `इन खबर` के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि उन्होंने इस प्रतियोगिता में अन्य खिलाड़ियों की तरह स्कार्फ पहना जिसमें पूरा सिर ढका हुआ था. हमने ऐसा करके ईरान की धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया. वैसे भी एक खिलाड़ी होने के नाते हमने हमेशा दूसरों का सम्मान करना सीखा है. एक बार खेल शुरू होने के बाद सब कुछ खेल पर केंद्रित हो जाता है. गुंटूर (आंध्र प्रदेश) की इस खिलाड़ी को इस प्रतियोगिता में तीसरी बार कांस्य पदक हासिल हुआ.
हिजाब की शुरुआत
ऐसा माना जाता है कि 627 कॉमन ऐरा (आम युग) में हिजाब अस्तित्व में आया और यह उस समय मुस्लिम महिलाओं के जीवन का हिस्सा बन गया. रूस की क्रांति में महिलाओं के लिए कुछ मानदंड तय किए गए लेकिन हिजाब महिलाओं के जीवन का अनिवार्य हिस्सा बना रहा. यहां तक कि खेल से जुड़ी संस्थाएं भी महिला खिलाड़ियों के हिजाब पहनने को लेकर बाधा नहीं बनीं.
अमेरिकी मुस्लिम ने पहना स्कार्फ
इब्तिहाज मोहम्मद रियो ओलिम्पिक की तलवारबाज़ी स्पर्धा में स्कार्फ पहनकर हिस्सा लेने वाली पहली अमेरिकी महिला बनीं थीं. यह खिलाड़ी न्यू जर्सी से थीं और उन्होंने टीम सैबर इवेंट में कांस्य पदक भी हासिल किया था.
पाकिस्तानी महिला वेटलिफ्टर
पाकिस्तान मूल की अमेरिकी खिलाड़ी कुलसूम अब्दुल्ला ने हिजाब पहनकर 2011 की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग लिया था. उनके नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वेटलिफ्टिंग की इवेंट में उतरने वाली पहली पाकिस्तानी महिला होने का भी रिकॉर्ड दर्ज हो गया. इसी तरह ईरान की शिरिन गेरामी ने ट्रायथलान की एरोंमैन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हिजाब पहनकर भाग लेने वाली इस खेल की पहली ईरानी खिलाड़ी बनी थीं. कुछ साल पहले पटना में महिलाओं की वर्ल्ड कबड्डी चैम्पियनशिप में ईरान की महिलाओं ने हिजाब पहनकर शिरकत की थी.
प्रो हिजाब लॉन्च
एक मल्टीनैशनल कम्पनी ने मुस्लिम एथलीटों के लिए प्रो-हिजाब लॉन्च किया है. मार्केट के विस्तार के साथ ही यह अब मिडिल ईस्ट के देशों तक पहुंच गया है. इसके अंतर्गत सिर को पूरा ढका गया है. सिंगल लेयर की यह पोशाक वजन में काफी हल्की है और यह कई डार्क कलर में उपलब्ध है.
क्या कहता है आईओसी चार्टर
आईओसी के ओलिम्पिक चार्टर के नियम दो के पैराग्राफ 7 में लिखा है कि खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए पुरुषों और महिलाओं में समानता होना बेहद ज़रूरी है. प्रो हिजाब सही वक्त पर उठाया गया सही कदम है. वह भी ऐसे समय में जब परी दुनिया शीर्ष स्तर पर खेलों में महिला नेतृत्व की साक्षी बनी है.