वाशिंगटन: चंद्रमा पर भेजे गए भारत के पहले मानवरहित अभियान चंद्रयान-1 को नासा ने खोज निकाला है. साल 2008 में चंद्रयान को प्रक्षेपित किया गया था लेकिन करीब 1 साल के बाद नासा से इसका संपर्क टूट गया था. नासा ने भूमि आधारित रडार तकनीक के इस्तेमाल से चंद्रयान-1 का पता लगा लिया है.
बताया जा रहा है कि ये अब भी चांद का चक्कर लगा रहा है. चांद की सतह की मैपिंग और कीमती धातुओं का पता लगाने के लिए चंद्रयान-1 को दो साल के मिशन पर भेजा गया था.
नासा के जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने इस चंद्रयान-1 का पता लगाया है. यह चंद्रयान अब भी चंद्रमा की सतह से करीब 200 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगा रहा है.
नासा के वैज्ञानिक मरीना ब्रोजोविक ने कहा, ‘हम नासा के लूनर रिकोनाइसां ऑर्बिटर (एलआरओ) तथा इसरो के चंद्रयान-1 को चांद की कक्षा में पता लगाने में सफल रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एलआरओ का पता लगाना तुलनात्मक रूप से आसान था क्योंकि मिशन के तहत वो नौवाहकों और कक्षा के डाटा को लेकर काम कर रहे थे, जहां यह स्थित था.
भारत के चंद्रयान-1 का पता लगाने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है क्योंकि अंतरिक्षयान के साथ आखिरी संपर्क अगस्त, 2009 में हुआ था.’