नई दिल्ली: सैन्य प्रतिष्ठानों बार-बार होने वाले हमलों को लेकर रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने रक्षा मंत्रालय को फटकार लगाई है. संसदीय समिति ने सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में सुधार के लिए ईमानदार पहल न करने पर रक्षा मंत्रालय की खिंचाई की है.
दरअसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी (रिटायर्ड) अध्यक्षता वाली संसद की एक हाई-पावर संसदीय समिति का कहना है कि पठानकोट और उरी में आतंकी हमले के बावजूद सरकार अभी जागी नहीं है.
इसके अलावा समिति ने देश का रक्षा बजट बढ़ाने की वकालत की है. समिति का कहना है कि सुरक्षा में सुधार के लिए आर्मी के पूर्व उप प्रमुक फिलिप कैंपोज ने मई 2016 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बावजूद भी रक्षा मंत्रालय कोई अहम कदम नहीं उठाता दिख रहा है.
कल यानि गुरुवार को संसद में पेश की गई संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा के हालात उतने ही खराब हैं जितने पठानकोट और उड़ी हमले के वक्त थे। रिपोर्ट के पेश होने के 6-7 महीनों के बाद भी अब तक कोई ठोस कदम उठाया गया हो, ऐसा नहीं लगता.
खबर के अनुसार सरकार ने पठानकोट हमले के ठीक बाद ही सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए एक योजना बनाई थी. इतना ही नहीं इस योजना के लिए करीब 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था. लेकिल यह योजना भी अब तक अमल में नहीं लाई गई है.